चुनाव में टिकट नहीं मिलने से सिख समुदाय में रोष

Last Updated 27 Mar 2019 08:29:28 PM IST

भारतीय जनता पार्टी की ओर से बड़े पैमाने पर सिख समर्थन के दावों के विपरीत आम चुनावों में किसी सिख चेहरे को टिकट नहीं देने से सिख समुदाय में असंतोष व्याप्त है।


शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी

इससे पहले भाजपा ने केवल एक सिख एस एस आहलूवालिया को टिकट दिया गया था जो पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग से चुनाव जीते थे। पार्टी में पगड़ीधारी सिख को कोई टिकट नहीं देने से समुदाय के लिए अपर्याप्त प्रतिनिधित्व को लेकर सिख हलकों में बड़े पैमाने पर असंतोष देखा जा रहा है।

भाजपा की गई इस कार्रवाई ने जातिगत मुद्दों और समावेशी राजनीति पर पार्टी के रुख को सुर्खियों में ला दिया है। इसके लिए यह अतीत में भी रडार पर थी, भले ही पार्टी ने पंजाब और बाहर बड़े पैमाने पर सिख समर्थन का दावा किया था।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के पूर्व सचिव रघबीर सिंह ने पगड़ीधारी समुदाय की अनदेखी के लिए भाजपा आलाकमान पर एक पॉट शॉट लेते हुए कहा,‘‘यह एक आश्चर्य है। पूरे सिख समुदाय की भावनाओं को आत्मसात करने के लिए सिख प्रतिनिधित्व की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कई वादों और दावों के बावजूद, भाजपा विपरीत रुख अपना रही है। उन्होंने कहा कि अमृतसर का‘पविा शहर‘, जो सिखों का मक्का है और सर्वोच्च अध्यात्मिक शक्ति का केन्द्र है, विकास से परेशान है। ऐसा लगता है कि भाजपा आगामी संसदीय चुनावों में किसी भी पगड़ीधारी सिख को मैदान में नहीं उतारेगी। यह घृणित है।’’ उन्होंने कहा कि कई सिखों ने लोकसभा में अमृतसर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है।

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष तरलोचन सिंह ने कहा,‘‘पार्टी भारत में कहीं से भी किसी सिख चेहरे पर विचार नहीं कर रही है। क्या सिख भारत के दूसरे दर्जे के नागरिक हैं। उन्होने कहा कि हम अतीत में कांग्रेस से प्रभावित थे जिसने सिख संस्थाओं और समुदाय के साथ बड़े पैमाने पर खिलवाड़ किया था लेकिन कम से कम वे अल्पसंख्यक समुदाय को प्रतिनिधित्व दे रहे थे।’’

पंजाब में, भाजपा आमतौर पर कुल 13 में से तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ती है। जनसांख्यिकीय डिजाइन के कारण पार्टी सिखों को गुरदासपुर और होशियारपुर से मैदान में उतारना नहीं चाहती है, लेकिन अमृतसर सीट पर एक पगड़ीधारी उम्मीदवार मिल सकता है। हालांकि पार्टी के राज्य इकाई द्वारा केंद्रीय राज्य मंत्री हरदीप पुरी और स्थानीय प्रमुख जाट सिख नेता राजिंदर मोहन सिंह छीना सहित सिखों के दो नामों की सिफारिश की गई है।

सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ बलजिंदर सिंह ने कहा,‘‘भाजपा हमेशा से सिख विरोधी रही है। यह एक प्रमुख सिख चेहरे को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। देखें कि उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू के साथ क्या किया। क्या यह सच नहीं है कि महंत अवैद्यनाथ, योगी आदित्यनाथ, उमा भारती और साक्षी महाराज जैसे कई धार्मिक नेताओं ने भाजपा के उम्मीदवारों के रूप में चुनाव लड़ा और, क्या यह सच नहीं है कि उनमें से कई अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ अभद्र भाषा में लिप्त हैं।’’



शिरोमणि अकाली दल के एक अन्य सिख नेता ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा कि भाजपा के खिलाफ भारत के अल्पसंख्यकों में असंतोष बढ़ रहा है। और यह उनके हितों को प्रतिनिधित्व देने में असमर्थता के कारण है, जो राजनीतिक रूप से भाजपा को चोट पहुंचा सकते हैं।

वार्ता
अमृतसर


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment