चुनाव प्रचार में खलनायक साबित हो रहा मौसम
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले मौसम राजनीतिक दलों के लिए खलनायक साबित होता दिख रहा है.
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कड़ाके की ठंड और कोहरा कम समय में ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार करने के राजनेताओं के मंसूबों पर पानी फेर रहा है.
प्रदेश में ज्यादातर विधानसभा चुनाव गर्मियों में हुए हैं. गर्मी के मौसम में अपनी-अपनी पार्टी के स्टार प्रचारक और दिग्गज नेता लगभग हर विधानसभा क्षेत्र में जाकर जनसभा के जरिए चुनाव प्रचार करके अपने प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाते थे.
लेकिन इस बार चुनाव फरवरी माह में शुरू हो रहे हैं और देखा जाए तो सियासी दलों और उनके नेताओं के सामने चुनाव प्रचार के लिए गिने-चुने दिन शेष रह गए हैं.
मतदान शुरू होने में एक महीने से भी कम समय बचा है. ऐसे में कड़ाके की ठंड के बीच ज्यादा से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों में जाकर प्रचार करना सियासी दलों के लिए मुश्किल साबित हो रहा है.
सर्दी के मद्देनजर समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और मुख्यमंत्री मायावती जैसे दिग्गज नेताओं ने हर विधानसभा क्षेत्र में जाने के बजाए जिलेवार रैली निकालने का फैसला किया है.
क्रांतिरथ लेकर प्रदेश में चुनाव प्रचार कर रहे सपा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव शीतलहर और कोहरे के कारण अपनी सभाओं में तय समय से दो-तीन घंटे की देरी से पहुंच रहे हैं.
कमोवेश यही हाल प्रदेश में जनसम्पर्क अभियान कर रहे कांग्रेस महासिचव राहुल गांधी का है. वह भी मौसम के इस मिजाज के कारण रैली में तीन-चार घंटे की देरी से पहुंच रहे हैं.
सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि पिछले करीब एक पखवाड़े से सूबे में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. राज्य के लगभग सभी इलाके शीतलहर की चपेट में हैं. दोपहर तक कोहरा छाया रहता है और कई इलाकों में न्यूनतम तापमान दो डिग्री के आस-पास बना हुआ है. इतनी सर्दी में प्रचार करना नेताओं के लिए निश्चित रूप से मुश्किल साबित हो रहा है.
रायबरेली की ऊंचाहार सीट से सपा के उम्मीदवार मनोज पांडे के अनुसार टिकट मिलने के बाद हम प्रतिदिन सुबह 11 बजे जनसम्पर्क के लिए विभिन्न क्षेत्रों में निकलते थे. पिछले कुछ दिनों से कड़ाके की ठंड पड़ रही है. तकरीबन हर दिन कोहरा भी छाया रहता है, जिसकी वजह से जनसभा और बैठक में लगभग सभी नेता करीब तीन घंटे की देरी से पहुंच रहे हैं. वहीं, शाम ढलते ही फिर सर्दी का असर बढ़ने लगता है. ऐसे में चुनाव प्रचार के लिए हमें सिर्फ चार-पांच घंटे ही मिल रहे हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि कड़ाके की सर्दी जनसभाओं में कार्यकर्ताओं और आमजन की आमद को भी प्रभावित कर रही है. ठंड के कारण लोग घरों से बाहर निकलने से बचते हैं, जिसके कारण जनसभाओं में अपेक्षाकृत कम भीड़ होती है.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) सहित कई अन्य छोटे-बड़े दल चुनावी जनसभाएं करने से पहले मौसम के कुछ सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं.
मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने कहा कि अगले एक सप्ताह तक प्रदेशवासियों को कड़ाके की सर्दी से निजात मिलने की सम्भावना नहीं है. सूबे में कड़ाके की ठंड और शीतलहर का सिलसिला जारी रहेगा.
उन्होंने कहा कि पर्वतीय इलाकों में हो रही बर्फबारी के चलते वहां से आने वाली सर्द हवाएं ठंड का असर और ज्यादा बढ़ा रही हैं. एक सप्ताह बाद तापमान में वृद्धि के आसार हैं.
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