आम बजट में बिहार को 'खास तरजीह' की आस

Last Updated 31 Jan 2017 04:45:49 PM IST

केंद्र सरकार एक फरवरी को वित्तवर्ष 2017-18 के लिए आम बजट पेश करने वाली है. ऐसे में बिहार के लोगों को बिहार जैसे पिछड़े राज्यों के लिए \'खास तरजीह\' दिए जाने की आस जगी है.


आम बजट में बिहार को 'खास तरजीह' की आस (फाइल फोटो)

कहा जाता है कि आम बजट किसी भी सरकार की आर्थिक नीतियों का आइना होता है. नोटबंदी के बाद पेश होने वाले इस बजट से उम्मीद की जा रही है कि यह बहुत से मामलों में लीक से हटकर होगा.

पटना स्थित ए एन सिन्हा सामाजिक शोध संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो डी एम दिवाकर कहते हैं कि बाढ़ और सूखे की मार झेल रहे बिहार में सिंचाई और कुशल जल प्रबंधन और खेती में समुचित विकास के लिए आवश्यक धनराशि आवश्यक है.

उन्होंने कहा, "बिहार में औद्योगीकरण पर बल देने के लिए खेतीजन्य अैर खाद्य प्रसंस्करण उद्येगों के विस्तार की प्रबल संभावना है. केंद्रीय बजट में असंगठित क्षेत्र में रोजगार सृजन को बल देकर क्षेत्रीय असंतुलन के कम किया जा सकता है. उम्मीद है कि इस बजट में इस पर खास ध्यान दिया जाएग."

बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष पी़ क़ अग्रवाल को इस बजट में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने की आस फिर से जगी है. उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार वर्ष 2017-18 के बजट में बिहार के आर्थिक और औद्योगिक रूप से पिछड़ेपन को देखते हुए राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने पर जरूर विचार करेगी. अगर ऐसा नहीं होता है तो विशेष पैकेज राज्य को केंद्र सरकार जरूर देगी."

अग्रवाल को उम्मीद है कि इस बजट में आयकर की छूट की सीमा पांच लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकेगा.

राज्य के वित्तमंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी को भी केंद्र सरकार के आम बजट से काफी आशा है. राजद नेता कहते हैं कि बिहार के विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए.

उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की रेटिंग लगातर कम हो रही है. डॉलर की तुलना में रुपये के मूल्य में भी गिरावट आ ही है. इसकी वजह से आर्थिक मंदी आ गई है, जिसका असर रोजगार अैार राज्यों के कर उगाही पर गंभीर रूप से पड़ा है. बिहार को तेजी से विकास के लिए विशेष राज्य क दर्जा आवश्यक है.

पटना कॉलेज के पूर्व प्राचार्य और जाने-माने अर्थशास्त्री प्रोफेसर नवल किशोर चौधरी कहते हैं कि जब तक राज्यों का विकास नहीं होगा, तब तक देश का विकास नहीं हो सकता.

चौधरी का मानना है कि बिहार के विकास के लिए बजट में विशेष प्रावधान करने की जरूरत है. बिहार में जल प्रबंधन (सिंचाई के साधन और बाढ़ की समस्या दूर करने) और करों में छूट देकर विकास की गति को बढ़ाया जा सकता है. इसके अलावा स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी बिहार को मदद की जरूरत है.

बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान भी कहते हैं, "इस बजट से बिहार के उद्योग जगत को काफी अपेक्षाएं हैं. इस बजट में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले, जिससे बिहार में नए उद्योग स्थापित हो सके. नए उद्यमियों को बिहार जैसे पिछड़े राज्यों में उद्योग स्थापित करने के लिए विशेष छूट मिलने का प्रावधान किया जाना चाहिए."

खेतान कहते हैं कि बिहार में अधूरी पड़ी रेल परियोजनाओं के लिए भी उचित धन मुहैया कराकर उसे पूर्ण किए जाने की जरूरत है.
 

आईएएनएस


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