जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, कहा- सरकार स्पष्ट करे आखिर ऐसे क्या हुआ कि...

Last Updated 22 Jul 2025 12:57:42 PM IST

कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा क्यों दिया।


मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि धनखड़ के इस्तीफा देने के पीछे उनके द्वारा बताए गए स्वास्थ्य कारणों के अलावा कोई और अधिक गहरे कारण हैं।

धनखड़ ने सोमवार देर शाम स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे अपने त्यागपत्र में धनखड़ ने कहा था कि वह ‘‘स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने’’ के लिए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं।

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि उप राष्ट्रपति ने इस्तीफा क्यों दिया।’’

उनका कहना था, ‘‘मैंने उपराष्ट्रपति का त्यागपत्र देखा है। उन्होंने सरकार का आभार जताया है। लेकिन सरकार ने कोई टिप्पणी नहीं की। सरकार को कम से कम उनका धन्यवाद करना चाहिए था। वह इसके हकदार हैं।’’

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘कल जगदीप धनखड़ ने अपराह्न साढ़े 12 बजे राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की अध्यक्षता की। इसमें सदन के नेता जे पी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू सहित अधिकतर सदस्य उपस्थित थे। कुछ चर्चा के बाद, कार्य मंत्रणा समिति ने शाम साढ़े चार बजे पुनः बैठक करने का निर्णय लिया।’’

उन्होंने कहा, "शाम साढ़े चार बजे कार्य मंत्रणा समिति जगदीप धनखड़ की अध्यक्षता में पुनः एकत्रित हुई। बैठक में नड्डा और रीजीजू के आने का इंतज़ार हो रहा था। वे नहीं आए।"

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि धनखड़ को व्यक्तिगत रूप से यह सूचित नहीं किया गया था कि दोनों वरिष्ठ मंत्री बैठक में शामिल नहीं हो रहे और धनखड़ को इसका बुरा लगा तथा फिर उन्होंने कार्य मंत्रणा समिति की बैठक मंगलवार दोपहर एक बजे के लिए पुनर्निर्धारित कर दी।

रमेश ने दावा किया कि सोमवार अपराह्न एक बजे से शाम साढ़े चार बजे के बीच कुछ बहुत गंभीर घटना हुई जिसके कारण नड्डा और रीजीजू दूसरी कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में जानबूझकर अनुपस्थित रहे।

उन्होंने कहा, "बेहद चौंकाने वाला कदम उठाते हुए जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया। उन्होंने इसकी वजह अपनी सेहत को बताया है। हमें इसका मान रखना चाहिए लेकिन सच्चाई यह भी है कि इसके पीछे कुछ और गहरे कारण हैं।’’

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘धनखड़ जी ने हमेशा 2014 के बाद के भारत की तारीफ की, लेकिन साथ ही किसानों के हितों के लिए खुलकर आवाज उठाई। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में बढ़ते 'अहंकार' की आलोचना की और न्यायपालिका की जवाबदेही व संयम की जरूरत पर जोर दिया। मौजूदा ‘जी2’ सरकार के दौर में भी उन्होंने जहां तक संभव हो सका, विपक्ष को जगह देने की कोशिश की।’’

उन्होंने कहा कि धनखड़ नियमों, प्रक्रियाओं और मर्यादाओं के पक्के थे लेकिन उन्हें लगता था कि उनकी भूमिका में लगातार इन बातों की अनदेखी हो रही है।

रमेश ने कहा कि धनखड़ का इस्तीफा उनके बारे में बहुत कुछ कहता है और साथ ही यह उन लोगों की नीयत पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है, जिन्होंने उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाया था।

 

भाषा
नई दिल्ली


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