एअर इंडिया हादसे पर AAIB की रिपोर्ट पर बोले केंद्रीय मंत्री- शुरुआती जांच में किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी

Last Updated 12 Jul 2025 03:00:56 PM IST

केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल ने शनिवार को कहा कि अहमदाबाद विमान दुर्घटना पर विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता क्योंकि पायलटों के बीच बातचीत बहुत संक्षिप्त थी।


नागर विमानन राज्य मंत्री 12 जून को हुए विमान हादसे की जांच के बारे में यहां पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे।

लंदन के लिए रवाना हुआ बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकराकर दुर्घटगनाग्रस्त हो गया था। विमान में सवार 242 लोगों में से एक यात्री को छोड़कर सभी की मौत हो गई और 19 अन्य लोगों की भी इस हादसे में मौत हो गई थी।

यह एक दशक का सबसे घातक विमान हादसा था।

एएआईबी ने एअर इंडिया विमान दुर्घटना पर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है।

रिपोर्ट में पाया गया कि दोनों इंजनों को होने वाली ईंधन की आपूर्ति एक सेकंड के अंतराल पर बंद हो गई, जिससे कॉकपिट में अफरा-तफरी मच गई और विमान उड़ान भरने के लगभग तुरंत बाद ही जमीन पर गिर गया।

पंद्रह पन्नों वाली रिपोर्ट में बताया गया कि ‘कॉकपिट वॉयस रिकार्डिंग’ में सुना गया कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ईंधन क्यों बंद किया, तो जवाब मिला कि उसने ऐसा नहीं किया।

मोहोल ने कहा, “यह प्रारंभिक रिपोर्ट है। हम इसके आधार पर कोई निष्कर्ष नहीं निकाल सकते। पहले, ऐसी दुर्घटनाओं के मामले में ब्लैक बॉक्स विदेश भेजना पड़ता था। अब, हम इस जांच को स्वयं जल्दी पूरा कर सकते हैं। एएआईबी एक स्वतंत्र संस्था है। इसमें मंत्रालय का कोई हस्तक्षेप नहीं है।”

उन्होंने कहा, “पायलटों की बातचीत के आधार पर कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता क्योंकि यह बहुत संक्षिप्त है। मामले की जांच जरूरी है। हमें उस रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए।”
 

बता दें कि लंदन जाने वाले बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान ने 12 जून को अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद ही गति खोनी शुरू कर दी और वह एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दुर्घटना में विमान में सवार 242 लोगों में से एक को छोड़कर बाकी सभी की मौत हो गई थी।

इस विमान दुर्घटना में यात्री और चालक दल के सदस्यों के अलावा 19 और लोग मारे गए थे। यह एक दशक में सबसे घातक विमान दुर्घटना थी।

विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (AAIB) की रिपोर्ट में दिए गए घटनाक्रम के अनुसार, दोनों ईंधन नियंत्रण स्विच (जिनका उपयोग इंजनों को बंद करने के लिए किया जाता है) उड़ान भरने के तुरंत बाद ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए थे।

हालांकि, रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि यह कैसे हुआ या यह किसने किया।

लगभग 10 सेकंड बाद, इंजन 1 का ईंधन कटऑफ स्विच अपनी तथाकथित ‘रन’ स्थिति में चला गया और उसके चार सेकंड बाद इंजन 2 भी ‘रन’ स्थिति में आ गया। पायलट दोनों इंजनों को फिर से चालू करने में कामयाब रहे, लेकिन केवल इंजन 1 ही ठीक हो पाया, जबकि इंजन 2 गति कम करने के लिए पर्याप्त शक्ति उत्पन्न नहीं कर पाया।

पायलटों में से एक ने संकटकालीन चेतावनी ‘‘मे डे, मे डे, मे डे’’ जारी की, लेकिन इससे पहले कि हवाई यातायात नियंत्रकों को कोई प्रतिक्रिया मिल पाती, विमान अहमदाबाद हवाई अड्डे की सीमा के ठीक बाहर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह कुछ पेड़ों को छूते हुए एक छात्रावास में जा गिरा।

रिपोर्ट के अनुसार, जब विमान ने उड़ान भरी उस समय सह-पायलट विमान उड़ा रहा था और कप्तान निगरानी कर रहा था।

एएआईबी द्वारा शनिवार को जारी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया कि विमान के ऑपरेटरों के लिए फिलहाल कार्रवाई की कोई सिफारिश नहीं की गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘विमान ने भारतीय समयानुसार अपराह्न एक बजकर 38 मिनट 42 सेकंड पर अधिकतम दर्ज की गई गति 180 नॉट्स आईएएस हासिल की और एक सेकंड बाद ही इंजन-1 और इंजन-2 के ईंधन ‘कटऑफ स्विच’ क्रमशः ‘रन’ से ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए।’’

रिपोर्ट के अनुसार, इंजन एन1 और एन2 की ईंधन आपूर्ति बंद होने के कारण उनकी क्षमता में गिरावट आनी शुरू हो गई।

रिपोर्ट में ‘कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग’ के हवाले से कहा गया, ‘‘एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ईंधन स्विच ऑफ क्यों किया, तो वह जवाब देता है कि उसने ऐसा नहीं किया।’’

विमान के उड़ान भरने के लगभग तुरंत बाद की सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि ‘रैम एयर टर्बाइन’ (आरएटी) नामक ‘बैकअप’ ऊर्जा स्रोत सक्रिय हो गया था, जो इंजन से बिजली की कमी का संकेत देता है।

गौरतलब है कि, आज ही के दिन एक महीने पहले गुजरात के अहमदाबाद स्थित सरदार वल्लभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट (Sardar Vallabhai Patel International Airport) के नजदीक हुए भीषण विमान हादसे में 284 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें विमान में सवार 241 लोग जबकि दुर्घटनास्थल पर मौजूद करीब 34 लोग थी। जान गंवाने वालों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री रूपानी (Former Gujarat Chief Minister Rupani) भी शामिल थी। वह परिवार से मिलने लन्दन जा रहे थे और हादसे वाले विमान में सवार थे।

 

भाषा
नई दिल्ली


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