Sardar Patel Jayanti 2023 : यहां पढ़िए सरदार वल्लभ भाई पटेल के 'लौहपुरुष' बनने का सफर
Last Updated 30 Oct 2023 10:24:03 AM IST
सरदार पटेल का जन्म नडियाद, गुजरात में 31 अक्टूबर 1875 हुआ था। लन्दन से बैरिस्टर की पढाई पूरी करने के बाद उन्होनें अहमदाबाद से वकालत की।
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Sardar Vallabhbhai Patel Interesting Facts : भारत के राजनीतिक इतिहास में सरदार पटेल के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नए भारत के निर्माण के लिए एकमात्र श्रेय वल्लभ भाई पटेल को दिया जाता है। आज़ादी से ज्यादा उन्होंने स्वतंत्र भारत को एक करने में अपना योगदान दिया। अपने दायित्वों को निभाते हुए 600 छोटी-बड़ी रियासतों (princely states) को भारत के साथ मिलाया। इसकी वजह से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने उन्हें सरदार और लौह पुरुष की उपाधि दी थी। तो चलिए आपको बताते हैं इनकी कुछ दिलचस्प बातें।
Sardar Vallabhbhai Patel Interesting Facts - वल्लभ भाई पटेल की दिलचस्प बातें
- सरदार पटेल का जन्म नडियाद, गुजरात में 31 अक्टूबर 1875 हुआ था।
- लन्दन से बैरिस्टर की पढाई पूरी करने के बाद उन्होनें अहमदाबाद से वकालत की
- महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होने भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लिया।
- सरदार पटेल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और भारतीय गणराज्य के संस्थापक थे।
- एक सफल वकील बनने के बाद उन्होंने गुजरात में खेड़ा, बोरसाद और बारडोली से किसानों को ब्रिटिश राज के खिलाफ बिना किसी हिंसा के कर माफ़ करवाया। जिसके बाद सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक बन गए।
- साल 1900 में उन्होंने गोधरा में स्वतंत्र जिला अधिवक्ता कार्यालय की स्थापना की और दो साल बाद खेड़ा जिले के बोरसद चले गए।
- अपने दोस्तों के कहने पर, पटेल ने 1917 में अहमदाबाद के स्वच्छता आयुक्त के पद के लिए चुनाव में भाग लिया और जीतें।
- वल्लभभाई पटेल, गांधी जी के विचारों से इतने प्रभावित थे कि साल 1920 में असहयोग आन्दोलन में उन्होंने स्वदेशी खादी वस्तुओं को अपनाया और विदेशी कपड़ो का बहिष्कार करना शुरू कर दिया था। लगतार अपनी कूटनीति में सफल होने के कारण वह 1927 में अहमदाबाद के निगम अध्यक्ष बनें।
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में सरदार पटेल, महात्मा गांधी के बाद अध्यक्ष पद के दूसरे उम्मीदवार थे।
- उन्हें 1934 और 1937 में भारत छोड़ो आंदोलन का प्रचार करते हुए पार्टी के आयोजन के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 49 वें अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया।
- स्वतंत्रता के बाद तीन वर्ष सरदार पटेल देश के उप-प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, सूचना प्रसारण मंत्री रहे।
- उन्होंने भारत के राजनीतिक एकीकरण (Integration) और 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में गृह मंत्री के रूप में काम किया।
- गृह मंत्री के रूप में उनकी पहली प्राथमिकता देसी रियासतों (राज्यों) को भारत में मिलाना था। जिसको उन्होनें बिना हिंसा के सफल बनाया।
- 15 अगस्त, 1947 तक हैदराबाद, कश्मीर और जूनागढ़ को छोड़कर बाकी सभी भारतीय रियासतें भारत संघ में मिल चुकी थीं। जो भारतीय इतिहास की एक बड़ी उपलब्धि थी।
- सरदार पटेल ने हैदराबाद के विलय के लिए ऑपरेशन पोलो चलाया था।
- 5 जुलाई 1947 को एक रियासत विभाग की स्थापना की गई थी।
- गांधीजी की इच्छा का सम्मान करते हुए सरदार पटेल ने प्रधानमंत्री पद की दौड़ से खुद को दूर रखा और पं. नेहरू का समर्थन किया।
- भारत के पहले गृह मंत्री और उप प्रधान मंत्री के रूप में, पटेल ने पाकिस्तान से पंजाब और दिल्ली की ओर भाग रहे शरणार्थियों के लिए राहत प्रयासों का आयोजन किया और शांति बनाने का काम किया।
- सरदार पटेल ने अपने कार्यकाल में सोमनाथ मंदिर का पुनर्निमाण,गांधी स्मारक की स्थापना, कमला नेहरू अस्पताल की स्थापना की।
- गांधीजी की इच्छा का सम्मान करते हुए सरदार पटेल ने प्रधानमंत्री पद की दौड़ से खुद को दूर रखा और पं. नेहरू का समर्थन किया।
- आज़ादी के बाद प्रथम प्रधानमंत्री पं. नेहरू व प्रथम उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल बनें मगर दोनों की राजनीतिक सोच में जमीन आसमान का अंतर था। नेहरू शास्त्रों के ज्ञाता थे, पटेल शस्त्रों के पुजारी थे।
- साल 1950 में सरदार वल्लभभाई पटेल के स्वास्थ्य खराब रहने लगी और 15 दिसंबर साल 1950 में वह दुनिया को अलविदा कह गए ।
- अहमदाबाद के हवाई अड्डे का नाम भी सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र रखा गया है।
- वर्ष 31 अक्टूबर, 2013 को सरदार वल्लभ भाई पटेल की 137वीं जयंती के अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार पटेल के स्मारक का शिलान्यास किया।
- इसका नाम एकता की मूर्ति (statue of unity) रखा गया है। यह मूर्ति 93 मीटर से दुगनी ऊंची है।
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