आज न्यायाधीश अपनी प्रतिभा प्रदर्शन पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं- पूर्व सीजेआई
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित का कहना है कि यह देखने को मिल रहा है कि न्यायाधीश आज न्याय-उन्मुख होने की बजाय अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
![]() भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित |
उन्होंने न्यायपालिका पर मीडिया के बढ़ते प्रभाव पर टिप्प्णी करते हुए कई ऐसी बातें कहीं जिस पर शायद आगे भी चर्चा होती रहेगी। दरअसल दिल्ली के इंडिया हैबीटेट सेंटर में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एस रविन्द्र भट्ट के सम्मान में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था, जिसे भट्ट के परिजनों और सुप्रीम कोर्ट के स्टॉफ ने मिलकर आयोजित किया था। इस कार्यक्रम में "न्याय पर बातचीत" शीर्षक से एक विचार गोष्ठी भी हुई थी। इसी गोष्ठी में पूर्व मुख्य न्यायाधीश का यह बयान आया। पूर्व सीजेआई ने कहा कि इसने "उद्धरणात्मक न्यायशास्त्र" को जन्म दिया है, जहां उच्च न्यायालयों और ट्रायल कोर्ट सहित विभिन्न अदालतों द्वारा दिए गए निर्णय "उद्धरण" से युक्त होते हैं।
उन्होंने जजों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें शायद ऐसा लगता है कि जज अपनी प्रतिभा का अधिक उपयोगी तरीके से उपयोग नहीं कर रहे हैं। तो इसलिए, न्याय-उन्मुख होने के बजाय, वो अब अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने की कोशिश कर रहे हैं, जो कुछ समय से मैंने देखा है जो इकट्ठा हो रहा है और आजकल महत्व प्राप्त कर रहा है। न्यायपालिका पर मीडिया के बढ़ते प्रभाव पर भी उन्होंने खुलकर बातें कहीं। उन्होंने कहा “अब मुझे जो लगता है वह एक हालिया चलन है। यह किसी भी प्रस्ताव की तरह है, उद्धरण के बाद उद्धरण होंगे। आपको यह नया न्यायशास्त्र देखने को मिलता है। मैं इसे उद्धरणात्मक न्यायशास्त्र कहता हूं,।'
अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए, न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे न्यायाधीश सोच रहे थे कि उनका निर्णय इस बिंदु पर अंतिम निर्णय होगा और "इसलिए यह उन लोगों के लिए मददगार होगा जो उस मुद्दे पर निष्कर्ष निकालेंगे। इस दौरान केरल उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने मीडिया प्रचार को प्रत्येक न्यायाधीश के लिए व्यावसायिक खतरा बताया। उन्होंने न्यायाधीशों को सोशल मीडिया सहित मीडिया द्वारा बनाए गए दबाव का सामना करने की आवश्यकता पर जोर दिया। मीडिया में जजों की आलोचना पर जस्टिस बसंत ने कहा कि इस चलन के लिए न्यायपालिका भी जिम्मेदार है।
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