चंद्रयान-3 की सफलता पर बोले राजनाथ सिंह- संस्कृति और विज्ञान एक दूसरे के विरोधी नहीं, बल्कि पूरक हैं

Last Updated 21 Sep 2023 12:37:11 PM IST

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘चंद्रयान-3’ की सफलता के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), वैज्ञानिकों और देशवासियों को बृहस्पतिवार को बधाई दी और कहा कि संस्कृति एवं विज्ञान एक दूसरे के विरोधी नहीं, बल्कि पूरक हैं।


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने लोकसभा में ‘चंद्रयान-3 की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारे राष्ट्र की उपलब्धियों के बारे में चर्चा’ मे हस्तक्षेप करते हुए यह भी कहा कि ‘चंद्रयान-3’ की सफलता उन सभी लोगों के लिए गर्व का विषय है जो अपने राष्ट्र और राष्ट्र की उपलब्धियों पर गर्व करते हैं।

सिंह ने कहा, ‘‘चंद्रयान-3 की सफलता हमारे लिए निश्चित रूप से एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। क्योंकि एक तरफ दुनिया के अधिकांश विकसित देश हैं, जो हमसे कहीं अधिक संसाधन-संपन्न होते हुए भी, चांद पर पहुंचने के लिए प्रयासरत हैं, तो वहीं दूसरी तरफ हम बेहद सीमित संसाधनों से चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाले दुनिया के पहले देश बने हैं।’’

रक्षा मंत्री ने वैज्ञानिक चेतना का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘जब मैं यहां वैज्ञानिक चेतना की बात कर रहा हूं, तो उससे मेरा मतलब केवल कुछ वैज्ञानिक उपकरणों के विकास कर लेने भर से नहीं है। वैज्ञानिक चेतना से मेरा आशय है कि वैज्ञानिकता और तार्किकता हमारी सोच में हो, वह हमारे बात व्यवहार में हो, और वह हमारे स्वभाव में हो।’’
 उनका कहना था, ‘‘संस्कृति के बगैर विज्ञान, और विज्ञान के बगैर संस्कृति अधूरी है। संस्कृति और विज्ञान दोनों एक दूसरे से जुड़ने के बाद ही पूर्णता प्राप्त कर सकते हैं। दोनों को एक दूसरे का पूरक कहा जा सकता है, क्योंकि दोनों ही मनुष्यता के लिए जरूरी हैं।’’

सिंह ने कहा कि संस्कृति के बगैर विज्ञान और विज्ञान के बगैर संस्कृति अधूरी है, संस्कृति और विज्ञान दोनों एक दूसरे से जुड़ने के बाद ही पूर्णता प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों को एक दूसरे का पूरक कहा जा सकता है, क्योंकि दोनों ही मनुष्यता के लिए जरूरी हैं।

 

भाषा
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment