Women’s Reservation Bill: महिला आरक्षण बिल लोकसभा से पास, आज राज्यसभा में होगी चर्चा

Last Updated 21 Sep 2023 10:22:24 AM IST

लोकसभा ने बुधवार को दिनभर चली चर्चा के बाद महिला आरक्षण से जुड़े संविधान (128 वां संशोधन) विधेयक - 2023 को पारित कर दिया है। इस बिल को नारी शक्ति वंदन बिल नाम दिया गया है।


करीब 27 साल के इंतजार के बाद आखिरकार महिला आरक्षण बिल आखिरकार लोकसभा से पास हो गया। आज यानि गुरूवार को बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा जहां इस पर चर्चा की जाएगी।

लोकसभा और देश की विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाले विधेयक 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम -2023 ( 128 वां संविधान संशोधन ) के पक्ष में लोकसभा के 454 सांसदों ने वोट दिया, वहीं 2 सांसदों ने बिल के खिलाफ अपना वोट दिया। बिल के विरोध में वोट डालने वाले दोनों सांसद AIM-IM के असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज़ जलील हैं।

इस कानून को लागू करने के लिए लोकसभा के बाद राज्यसभा से इस विधेयक को दो-तिहाई बहुमत से पास होना होगा। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि महिला आरक्षण विधेयक आज राज्यसभा में पारित होने के लिए पेश किया जाएगा।



महिला आरक्षण बिल लोकसभा में दो तिहाई बहुमत से पास हुआ, हालांकि महिलाओं को अभी इसके लिए लंबा इंतजार करना होगा, क्योंकि पहले जनगणना कराई जाएगी और फिर परिसीमन (Delimitation)होगा। बहस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट तौर पर कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद जनगणना होगी, फिर परिसीमन होगाऔर बहुत जल्द वह दिन आएगा, जब एक तिहाई माताएं-बहने यहां बैठकर देश का भाग्य तय करेंगी।

केंद्रीय मंत्रियों और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेताओं ने विधेयक के संसद के निचले सदन में पारित होने पर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया है। वहीं पीएम मोदी ने अभूतपूर्व समर्थन के साथ लोकसभा से महिला आरक्षण से जुड़े विधेयक के पारित होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम के साथ नए सदन की शानदार शुरुआत हुई है और इससे महिलाओं के नेतृत्व में विकास को अभूतपूर्व गति मिलने वाली है।

इससे पहले बुधवार को सदन में दिनभर चली चर्चा के दौरान राजनीतिक दलों के बीच इस बिल का श्रेय लेने के लिए भी होड़ देखी गई। विपक्ष की तरफ से चर्चा की शुरुआत कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की, उन्होंने इस बिल का समर्थन तो किया लेकिन इसके साथ ही उन्होंने इस कानून को सरकार से जल्द लागू करने की मांग करते हुए सरकार से जाति जनगणना कराकर एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग से आने वाली महिलाओं को भी आरक्षण देकर आगे बढ़ाने की मांग की।

वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आरक्षण बिल को तुरंत लागू करने की सोनिया गांधी की मांग पर पलटवार करते हुए कहा कि संविधान को छिन्न-भिन्न करना कांग्रेस की आदत रही है, जबकि बीजेपी संविधान के आधार पर चलती है। ईरानी ने अल्पसंख्यक महिलाओं को आरक्षण देने की मांग का जवाब देते हुए कहा कि भारत के संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण देना वर्जित है।



 

समय लाइव डेस्क
नई दिल्ली


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