Women Reservation Bill: संसद में सोनिया गांधी ने किया महिला बिल का समर्थन, कहा- जल्द लागू किया जाना चाहिए
संसद के विशेष सत्र का आज बुधवार को तीसरा दिन है। दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू हो गई है। लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) पर डिबेट शुरू हो गई है।
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सबसे पहले कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने लोकसभा में बिल के प्रावधानों के बारे में सदन में जानकारी दी। इसके बाद कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने ऐलान किया कि कांग्रेस महिला आरक्षण बिल का समर्थन करती है।
महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण देने वाले नारी शक्ति वंदन अधिनियम को समर्थन देते हुए कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने कहा कि महिलाओं को आरक्षण का फायदा बिल पारित होते ही मिलना चाहिए। उन्होंने लोकसभा में कहा कि सरकार को इसे परिसीमन तक नहीं रोकना चाहिए।
सोनिया गांधी ने कहा कि ये 'मेरे साथी राजीव गांधी का ये सपना था, लेकिन मैं सरकार से जानना चाहती हूं कि महिलाओं को इसके लिए कितना लंबा इँतज़ार करना होगा?'
उन्होंने कहा कि लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि यह मेरी जिंदगी का मार्मिक क्षण है, पहली बार स्थानीय निकायों में स्त्री की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन मेरे जीवन साथी राजीव गांधी ही लेकर आए थे... बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में कांग्रेस ने उसे पारित कराया था, आज उसका नतीजा है कि आज देश भर के स्थानीय निकायों में हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं। राजीव गांधी का सपना अभी तक आधा ही पूरा हुआ है, इस बिल के पारित होने के साथ वह पूरा होगा। कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है... मैं एक सवाल पूछना चाहती हूं देश की स्त्रियां अपनी राजनीतिक ज़िम्मेदारी का इंतजार कर रही हैं लेकिन अभी भी इसके लिए उन्हें कितने वर्ष इंतज़ार करना होगा? कांग्रेस की मांग है कि यह बिल तुरंत लागू किया जाए और इसके साथ ही जातीय जनगणना भी कराई जाए।
#WATCH यह मेरी जिंदगी का मार्मिक क्षण है, पहली बार स्थानीय निकायों में स्त्री की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन मेरे जीवन साथी राजीव गांधी ही लेकर आए थे... बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में कांग्रेस ने उसे पारित कराया था, आज उसका नतीजा है कि आज देश भर के स्थानीय… pic.twitter.com/YQNGfyD2Up
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 20, 2023
लोकसभा और देश की विधान सभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाले संविधान (128 वां संशोधन) विधेयक आज लोक सभा में चर्चा के बाद पारित हो सकता है। लोकसभा में आज इस पर चर्चा के लिए सात घंटे का समय निर्धारित किया गया है। हालांकि वक्ताओं की संख्या और विभिन्न दलों के अनुरोध पर इस समय को बढ़ाया भी जा सकता है।
दरअसल, महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस जहां इसे अपना बताकर श्रेय लेने की कोशिश करती नजर आएगी, वहीं भाजपा पलटवार करती दिखाई देगी कि कांग्रेस ने महिलाओं को आरक्षण देने के लिए कभी गंभीरता से प्रयास ही नहीं किया। दोनों पक्ष चर्चा के दौरान इस मामले में अधिक से अधिक श्रेय लेने की कोशिश करेंगे क्योंकि मसला देश की लगभग आधी आबादी से जुड़े होने के साथ ही 50 प्रतिशत वोट बैंक से भी जुड़ा हुआ है।
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