महाराष्ट्र के एक जिले में तीन महीने में कैसे हो गईं 179 बच्चों की मौत ?
भारत के एक विकसित राज्य महाराष्ट्र से एक ऐसी खबर है, जिसे सुनकर सबका दिल दहल जाएगा। जी हाँ, यहाँ के एक जिले से दर्जनों बच्चों की मरने की खबरें आ रही हैं।
![]() Nandurbar in Maharashtra |
नंदुरबार जिला ,जो कि एक आदिवासी बाहुल्य जिला है ,यहां पर पिछले तीन साल में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में लगभग 179 बच्चों की मौतें हो चुकीं हैं। इन मौतों की खबरों की तस्दीक खुद वहां के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने की है।
नर्मदा नदी के किनारे बसा जिला नंदुरबार महाराष्ट्र के उत्तर पश्चिम के क्षेत्र में पड़ता है। इतनी संख्या में बच्चों की मौत की ख़बरों के बाद आज यह चर्चा होने लगी है कि जब देश के एक विकसित राज्य की यह स्थिति है तो फिर बाकी जिलों में स्वास्थ्य सुविधाएं कैसी होंगी? न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ नंदुरबार के सिविल अस्पताल में 179 बच्चों की मौतें हो चुकी हैं।
वहां के सीएमओ एम् सावन कुमार ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक़ इसी वर्ष जुलाई के महीने में 75 मौतें ,अगस्त में 86 मौतें जबकि सितम्बर के महीने में अभी तक 18 मौतें हो चुकी हैं। मौतों के जो कारण बताएं गए हैं वो चौंकाने वाले हैं। पैदाइस के समय बच्चों का कम वजन होना ,जन्म के समय दम घुटना ,सेप्सिस और श्वसन सम्बन्धी बीमारियों की वजह से मौतें हुई हैं। जिन बच्चों की मौतें हुई हैं, उनमें से अधिकांश की उम्र शून्य से २८ दिन तक की थी।
सीएमओ के मुताबिक़ यहाँ की कई महिलाओं में सिकल सेल होता है, जिसकी वजह से प्रसव के दौरान कई तरह की जटिलताएं उत्पन्न हो जाती हैं। हालांकि सीएमओ ने यह भी बताया है कि इन सभी मामलों पर संज्ञान लेते हुए या इन पर काबू पाने के लिए 84 डेज मिशन की शुरुआत की जा रही है। एक तरफ देश को विकसित करने की बातें की जा रही हैं, दूसरी तरफ महाराष्ट्र जैसा राज्य आज भी स्वास्थ्य सुविधाओं की बाट जोह रहा है।
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