Chandrayaan-3 : सब ठीक ठाक, शाम का इंतजार, लैंडर मॉड्यूल के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचते ही दुनिया का पहला देश बनेगा भारत

Last Updated 23 Aug 2023 06:59:37 AM IST

हर गुजरते पल के साथ बढ़ती उम्मीदों और उत्साह के बीच भारत एक नया इतिहास रचने को तैयार है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को कहा, चंद्रयान-3 मिशन तय समय पर है।


चंद्रयान-3 मिशन

बुधवार की शाम चांद के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में सॉफ्ट लैंडिंग के लिए सुचारू रूप से आगे बढ़ रहा है। चंद्रमा पर उतरने के साथ ही भारत ऐसा करने वाला विश्व का चौथा देश और चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका,रुस और चीन ऐतिहासिक करिश्मे को अंजाम दे चुके हैं। चंद्रमा की सतह पर उतरने की चार साल में इसरो की यह दूसरी कोशिश है। इसरो के मुताबिक सिस्टम की नियमित जांच हो रही है और मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स) ऊर्जा और उत्साह से भरा हुआ है।

इसरो ने एक ट्वीट में कहा, चंद्रयान-3 मिशन तय समय पर है। सिस्टम की नियमित जांच हो रही है। सुचारू संचालन जारी है। इसरो ने कहा, एमओएक्स ऊर्जा और उत्साह से भरपूर है! और इसका सीधा प्रसारण एमओएक्स/आईएसटीआरसी पर लैंडिंग ऑपरेशन 23 अगस्त, 2023 को 1720 बजे शुरू होगा। इसरो के सूत्रों ने कहा, चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए लैंडर को 1.6 किमी प्रति सेकंड की गति के साथ लगभग 25 किमी की ऊंचाई से संचालित किया जाएगा।

इसरो वैज्ञानिकों का ध्यान चंद्रमा की गति के बाद से उस गति को कम करने पर होगा। साथ ही गुरुत्वाकषर्ण बल भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। कमांड अपलोड होने और टेलीमेट्री सिग्नल का विश्लेषण करने के दो घंटे बाद शाम 6:04 बजे लैंडर चंद्रमा पर उतरना शुरू कर देगा। सॉफ्ट लैंडिंग एक मुश्किल और चुनौतीपूर्ण कार्य है क्योंकि इसमें जटिल युद्धाभ्यासों की एक श्रृंखला शामिल होती है जिसमें रफ और फाइन ब्रेकिंग शामिल होती है। लैंडिंग से पहले सुरक्षित और खतरा-मुक्त क्षेत्रों का पता लगाने के लिए लैंडिंग साइट की इमेजिंग की जाएगी।

लैंडर क्षैतिज स्थिति में चंद्रमा की ओर उतरेगा और इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग तथा कमांड नेटवर्क, बेंगलुरु में एमओएक्स के वैज्ञानिक फाइन ब्रेकिंग के लिए कमांड तैनात करेंगे। लैंडर की स्थिति को ऊध्र्वाधर में बदल दिया जाएगा और उस स्थिति में, यह चंद्रमा पर मंडराएगा, तस्वीरें लेगा, लैंडिंग क्षेत्र का सर्वेक्षण करेगा तथा सुरक्षित लैंडिंग स्थान पर निर्णय लेगा। इस बीच इसरो ने 19 अगस्त 2023 को लगभग 70 किमी की ऊंचाई से लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा द्वारा ली गई चंद्रमा की छवियों का ताजा सेट जारी किया।

भारत ने 14 जुलाई को ‘लॉन्च व्हीकल मार्क-3’ (एलवीएम3) रॉकेट के जरिए 600 करोड़ रुपए की लागत वाले अपने तीसरे चंद्र मिशन-‘चंद्रयान-3’ का प्रक्षेपण किया था। इस अभियान के तहत यान 41 दिन की अपनी यात्रा में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का एक बार फिर प्रयास करेगा जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंच पाया है। चंद्रयान-3 की निर्धारित ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ से कुछ ही दिन पहले चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की दौड़ में रूस उस वक्त पीछे छूट गया, जब उसका रोबोट लैंडर चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

मिशन तय कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहा

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-3 के लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने के तय समय से एक दिन पहले मंगलवार को कहा कि चंद्रयान-3 मिशन निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहा है। ‘इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क’ (आईएसटीआरएसी) में स्थित ‘मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स’ में उत्साह का माहौल है। इसरो ने चंद्रमा पर भारत के तीसरे मिशन की मंगलवार दोपहर को ताजा जानकारी देते हुए कहा, मिशन तय कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ रहा है। पण्रालियों की नियमित जांच की जा रही है। सुचारू संचालन जारी है।

चंद्रयान-3 के लैंडिंग को लेकर उत्साहित हूं : सुनीता विलियम्स

चंद्रमा की सतह पर बुधवार को चंद्रयान-3 की बहुप्रतीक्षित लैंडिंग को लेकर भारतीय अमेरिकी अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स ने अपना उत्साह और आशा व्यक्त करते हुए इसे रोमांचक समय बताया। 

अंतरिक्ष अभियानों में अपने प्रशंसनीय योगदान के लिए मशहूर विलियम्स ने प्रज्ञान रोवर के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में अन्वेषण कार्य को लेकर आशा जताई। उन्होंने अंतरिक्ष की खोज के क्षेत्र को आकार देने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को भी सराहा। विलियम्स ने कहा कि यह  पृथ्वी से परे जीवन की तलाश के लिए महत्वपूर्ण है।

चंद्रमा की सतह से 70 किमी. ऊंचाई से ली गई तस्वीर भेजी

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 19 अगस्त को लगभग 70 किलोमीटर की ऊंचाई से चंद्रयान-3 मिशन के ‘लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरे’ (एनपीडीसी) से ली गई चंद्रमा की तस्वीरें मंगलवार को जारी कीं।

इसरो ने बताया कि एलपीडीसी से ली गई तस्वीरें यान पर मौजूद चंद्रमा के संदर्भ मानचित्र के साथ मिलान करके इसकी स्थिति (अक्षांश और देशांतर) निर्धारित करने में मिशन के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) की सहायता करती हैं। एलएम के बुधवार को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने की उम्मीद है।

इसरो ने ‘लैंडर हजार्ड डिटेक्शन एंड एवाइडेंस कैमरा’ (एलएचडीएसी) से ली गई चंद्रमा के सुदूर पाश्र्व भाग की तस्वीरें सोमवार को जारी की थीं। अहमदाबाद स्थित ‘अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र’ (एसएसी) द्वारा विकसित यह कैमरा नीचे उतरते समय ऐसे सुरक्षित ‘लैंडिंग’ क्षेत्र का पता लगाने में सहायता करता है, जहां चट्टानें या गहरी खाइयां न हों। एसएसी इसरो का प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केंद्र है। इसरो के अनुसार, चंद्रयान-3 मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए लैंडर में एलएचडीएसी जैसी कई उन्नत प्रौद्योगिकियां हैं।

जरूरत पड़ी तो टल सकती है लैंडिंग

चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान की चंद्रमा की सतह पर बहुप्रतीक्षित ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की तैयारियों के बीच लैंडर मॉड्यूल के तकनीकी मानक ‘असामान्य’ पाये जाने की स्थिति में इसकी ‘लैंडिंग’ 27 अगस्त तक के लिए टाली जा सकती है। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी।

इसरो ने चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ 23 अगस्त को भारतीय समयानुसार शाम 06.04 बजे करने की योजना बनाई है। चंद्र मिशन 14 जुलाई को पूर्वाह्न 2.35 बजे श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया गया था। इसरो अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश देसाई के अनुसार, वैज्ञानिकों का ध्यान चंद्रमा की सतह के ऊपर अंतरिक्ष यान की गति को कम करने पर होगा।

उन्होंने अहमदाबाद में बताया, ‘लैंडर 23 अगस्त को 30 किलोमीटर की ऊंचाई से चंद्रमा की सतह पर उतरने की कोशिश करेगा और उस समय इसकी गति 1.68 किलोमीटर प्रति सेकंड होगी। हमारा ध्यान उस गति को कम करने पर होगा क्योंकि चंद्रमा का गुरुत्वाकषर्ण बल भी इसमें भूमिका होगी।’

उन्होंने कहा, ‘यदि हम उस गति को नियंत्रित नहीं करते हैं, तो ‘क्रैश लैंडिंग’ की आशंका होगी। यदि 23 अगस्त को (लैंडर मॉड्यूल का) कोई भी तकनीकी मानक असामान्य पाया जाता है, तो हम लैंडिंग को 27 अगस्त तक के लिए स्थगित कर देंगे।’

इसरो ने चंद्रयान-3 के लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने के तय समय से एक दिन पहले मंगलवार को कहा कि चंद्रयान-3 मिशन निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहा है। इसरो ने कहा, ‘मिशन तय कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ रहा है। पण्रालियों की नियमित जांच की जा रही है। सुचारू संचालन जारी है।’

एजेंसियां
बेंगलुरू/चेन्नई/नई दिल्ली


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