Parliament: दिल्ली अध्यादेश बिल पर लोकसभा में अमित शाह बोले- केंद्र को दिल्ली में कानून बनाने का पूरा अधिकार

Last Updated 03 Aug 2023 03:17:36 PM IST

दिल्ली सेवा विधेयक मंगलवार को संसद के निचले सदन यानी लोकसभा में पेश किया गया। इसे आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन), 2023 नाम दिया गया है।


दिल्ली सरकार के अधिकारों और सेवा से जुड़े विधेयक- 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक- 2023' पर लोकसभा में चर्चा शुरू हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को सदन पटल पर चर्चा एवं पारित करने के लिए इस बिल को रखा। विधेयक पर लोकसभा में चर्चा शुरू हो गई है।

बता दें कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने अमित शाह की तरफ से मंगलवार को लोकसभा में दिल्ली सरकार के अधिकारों और सेवा से जुड़े विधेयक- 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक-2023' को पेश किया था।

अमित शाह के बोलने से पहले लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने परंपरा के मुताबिक 19 मई 2023 को दिल्ली सरकार के अधिकारों और सेवा से जुड़े विषय पर राष्ट्रपति द्वारा लागू किए गए अध्यादेश को खारिज करने का प्रस्ताव सदन के सामने रखा।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में शामिल कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि उन्हें दिल्ली सरकार के अधिकारों एवं सेवा से जुड़े विधेयक पर दिल्ली के बारे में सोचना चाहिए, गठबंधन के बारे में नहीं।

इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि गठबंधन से कोई फायदा नहीं होने वाला है और गठबंधन होने के बावजूद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्ण बहुमत के साथ फिर से देश के प्रधानमंत्री बनने वाले हैं। इसलिए गठबंधन के लिए जनता का विश्वास मत तोड़िए, जनता सब देख रही है।

अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा के पटल पर चर्चा एवं पास करने के लिए दिल्ली सरकार के अधिकारों और सेवा से जुड़े विधेयक- 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 ' को रखते हुए कहा कि जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, राजाजी, राजेंद्र प्रसाद और बाबा साहेब अंबेडकर ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का विरोध किया था।



उन्होंने कहा कि केंद्र और दिल्ली में कांग्रेस और भाजपा की सरकारें रहीं। लेकिन, कभी लड़ाई नहीं हुई क्योंकि उस समय किसी के मन में भी अधिकार हथियाने की इच्छा नहीं थी। लेकिन, 2015 में दिल्ली में एक ऐसी पार्टी की सरकार आई, जिसका मकसद जनता की सेवा करना नहीं सिर्फ लड़ना है।

उन्होंने केजरीवाल पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि दिल्ली में समस्या ट्रांसफर-पोस्टिंग करने का अधिकार हासिल करने की नहीं है, बल्कि इसका मकसद विजिलेंस डिपार्टमेंट पर कब्जा कर अपने लिए बनाए गए बंगले के भ्रष्टाचार के सच को छुपाना है।

अमित शाह ने केजरीवाल के कहने पर इस बिल का विरोध करने वाले राजनीतिक दलों से गठबंधन की बजाय दिल्ली के बारे में सोचने का आग्रह करते हुए कहा कि सिर्फ चुनाव जीतने के लिए और गठबंधन बनाने के लिए किसी पक्ष के समर्थन या विरोध की राजनीति नहीं करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि नया गठबंधन बनाने के अनेक प्रकार होते हैं, विधेयक और कानून देश के भले के लिए लाए जाते हैं और इसलिए इसका समर्थन या विरोध दिल्ली के भले के लिए करना चाहिए, गठबंधन के लिए नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दल गठबंधन के लिए दिल्ली सरकार के घपले और घोटाले में मदद कर रहे हैं, जिसे पूरा देश देख रहा है और देश चुनाव में इसका हिसाब किताब करेगा।

 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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