शादी के बहाने बीजेपी से डील हुई Om Prakash Rajbhar की!
देश भर की छोटी पार्टियों पर भाजपा ने नजर रखनी शुरू कर दी है। खासकर उन पार्टियों पर जिनकी विचारधारा कांग्रेस से नहीं मिलती है।
![]() BJP Alliance |
भाजपा की कोशिश है कि छोटी पार्टियों को साथ लेकर 2024 लोक सभा चुनाव में उतरा जाए। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश की एक छोटी पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर पर भाजपा के नेताओं ने डोरे डालने शुरू कर दिए हैं। ओम प्रकाश राजभर के छोटे बेटे अरुण राजभर की शादी में जिस तरीके से भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने रुचि दिखाई है, उसे देखकर राजनीतिक गलियारों में उनके भाजपा के साथ जाने की चर्चा होने लगी है।
ओमप्रकाश राजभर 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए का हिस्सा थे। उन्हें मंत्री भी बनाया गया था। लेकिन कुछ वर्षों बाद उनका भाजपा से मोहभंग हो गया था। उन्होंने भाजपा से अलग होने का फैसला कर लिया था। 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्होंने समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया था। इस समय वह सपा से भी अलग हो चुके हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी दिशा क्या होगी? क्या वह किसी पार्टी के साथ गठबंधन करेंगे या अकेले दम पर लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की किस्मत आजमाएंगे। इसी तरह के लग रहे कयासों के बीच उनके छोटे बेटे अरुण राजभर की शादी तय हो गई। उन्होंने शादी में आने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सोनिया गांधी, मायावती, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत दर्जनों मंत्रियों और नेताओं को शादी का निमंत्रण भेजा था।
उनके बेटे की शादी में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या भी पहुंचे थे। प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने उनके बेटे की शादी की शुभकामनाएं भी प्रेषित की थीं। ओम प्रकाश राजभर के बेटे की शादी का रिसेप्शन बीते 13 जून को वाराणसी में आयोजित किया गया था। हालांकि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी वहां नहीं जा पाए थे, लेकिन वाराणसी के सर्किट हाउस में ओम प्रकाश राजभर और आदित्यनाथ योगी की मुलाकात हुई थी। बताया जाता है कि दोनों के बीच तकरीबन आधे घंटे की बात हुई थी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक योगी के कुछ प्रस्तावों पर ओमप्रकाश राजभर ने सहमति भी जताई थी। यानी शादी के बहाने एक बार फिर ओम प्रकाश राजभर की भाजपा के साथ आने की अटकलें तेज हो गई हैं। जबकि ओम प्रकाश राजभर ने कुछ महीने पहले कहा था कि अगर बसपा और सपा कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लें तो वह उस गठबंधन के साथ जाने को तैयार हैं। ओमप्रकाश राजभर को अच्छी तरह पता है कि शायद मायावती, कांग्रेसी या किसी दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगी। ऐसा न करने के पीछे उनकी राजनीतिक मजबूरी हो सकती है।
फिलहाल जिस तरीके से ओम प्रकाश राजभर की भाजपा नेताओं से बातचीत चल रही है और भारतीय जनता पार्टी के नेता भी उनकी तारीफों के पुल बांध रहे हैं, उसे देखते हुए यही कहा जा सकता है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में संभवत सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, भाजपा के साथ गठबंधन कर सकती है। वैसे उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के बस्ती,देवीपाटन, गोरखपुर, वाराणसी, आजमगढ़, फैजाबाद औऱ विध्यांचल समेत कुछ ऐसे जिले हैं, जहां पर ओम प्रकाश राजभर की पार्टी की अच्छी खासी वोटें हैं। वो जिस गठबंधन में भी जाएंगे उसका फायदा न सिर्फ उनके प्रत्याशियों को मिलेगा बल्कि गठबंधन के प्रत्याशी को भी मिलेगा। हालांकि ओमप्रकाश राजभर साफगोई से बात करने के कितने भी दावे करें लेकिन उनकी भी कमोबेश कोशिश यही रहती है कि वह वहीं जाएं जो पार्टी सरकार बनाने के ज्यादा करीब दिख रही हो।
| Tweet![]() |