MSP on Sunflower Seed: MSP की मांग को लेकर किसानों ने दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाइवे को किया जाम
किसानों ने सूरजमुखी के बीज को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदने की मांग को लेकर सोमवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के पिपली में महापंचायत की जिसके बाद उन्होंने एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित कर दिया।
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किसानों ने सूरजमुखी के बीज को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने की मांग को लेकर मंगलवार को फिर कुरुक्षेत्र में एकत्रित हुए।
#WATCH हरियाणा: सूरजमुखी के बीज के लिए न्यूनतम समर्थन मुल्य की अपनी मांग को लेकर किसान एक बार फिर कुरुक्षेत्र में प्रदर्शन स्थल पर एकत्रित हुए। pic.twitter.com/krqk3ci2oB
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 13, 2023
सूरजमूखी के बीजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग के पक्ष में हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में पीपली में राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर रहे किसान आगे की योजना तैयार करने के वास्ते मंगलवार को बैठक करेंगे।
किसानों और जिला प्रशासन के बीच दो दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन ये बेनतीजा रही।
किसानों ने इस मुद्दे पर महापंचायत आयोजित करने के बाद सोमवार दोपहर से पिपली के पास राजमार्ग (एनएच-44) को अवरुद्ध कर दिया है। यह राजमार्ग दिल्ली को चंडीगढ़ तथा कुछ अन्य मार्ग से जोड़ता है।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जिला प्रशासन के साथ सोमवार रात उनकी दो बैठकें हुईं लेकिन इनका कोई नतीजा नहीं निकला।
उन्होंने कहा कि आगे की कार्रवाई की योजना तैयार करने के वास्ते किसानों की स्थानीय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता मंगलवार को बैठक करेंगे।
उन्होंने कहा कि सूरजमुखी बीजों के लिए एमएसपी का मुद्दा न केवल हरियाणा के किसानों को बल्कि पूरे किसान समुदाय को प्रभावित कर रहा है। सूरजमुखी के बीजों के लिए एमएसपी के अलावा किसान नौ किसान नेताओं को रिहा करने की भी मांग कर रहे हैं जिन्हें शाहाबाद में हाल में प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था।
कुरुक्षेत्र के पुलिस अधीक्षक एस एस भोरिया ने ‘पीटीआई-’ को बताया कि जिला प्रशासन किसानों को जाम समाप्त करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है और उन्हें उम्मीद है कि इसका कोई समाधान निकल आएगा।
सूरजमुखी के बीज के लिए एमएसपी के अलावा, प्रदर्शनकारी किसान उन नौ किसान यूनियन नेताओं की रिहाई की मांग कर रहे हैं, जिन्हें हाल में यहां शाहाबाद में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था।
उनका कहना था कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती तब तक राजमार्ग अवरुद्ध रहेगा।
महापंचायत में विभिन्न खाप के नेता और भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत के अलावा, भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया भी मौजूद थे।
इस महापंचायत में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान भी शामिल हुए।
महापंचायत में किसान नेता करम सिंह मथाना ने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने उनकी मांगों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ एक बैठक का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि अब वे कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री करनाल से निकल गए हैं।’’
मथाना ने कहा, ‘‘इस वजह से महापंचायत का आयोजन करने वाली स्थानीय समिति ने हमारी मांगें पूरी होने तक राष्ट्रीय राजमार्ग-44 को बंद करने का फैसला किया।’’
यह राजमार्ग दिल्ली-कुरुक्षेत्र-अमृतसर मार्ग को जोड़ता है।
कुरुक्षेत्र के पुलिस अधीक्षक एस. एस. भोरिया ने सोमवार शाम कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित होने की वजह से यातायात के मार्ग में परिवर्तन किया गया है। उन्होंने कहा कि वह प्रदर्शनकारियों से उनके मुद्दों का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने के लिए बातचीत कर रहे हैं।
कुरुक्षेत्र के उपायुक्त शांतनु शर्मा ने ‘पीटीआई-’ को बताया कि एमएसपी पर सूरजमुखी के बीज की खरीद के मुद्दे को हल करने के लिए जिला प्रशासन, बीकेयू नेताओं के साथ रविवार से बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘आज भी हमने उनसे कुछ समय देने के लिए कहा ताकि हम मुख्यमंत्री के साथ बैठक की व्यवस्था कर सकें। हालांकि, भाकियू नेताओं ने राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया।’’ उन्होंने कहा कि किसानों को नाकाबंदी हटाने के लिए कहा जा रहा है।
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