Manipur Violence: मणिपुर हिंसा में फंसे कईं छात्र, राज्यों ने जतायी ‘अपनों’ की चिंता, सुरक्षित निकालने की मुहिम तेज
देश का उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर पिछले कुछ दिनों से मैतेई समुदाय को एसटी (ST) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में सुलग रहा है।
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक यहां 54 लोगों की मौत हो चुकी है।
ऐसे में अब उन राज्यों की चिंता भी बढ़ गई है, जिन राज्यों के छात्र यहां पढ़ाई करते हैं।
बता दें कि इस हिंसाग्रस्त इलाके में देश के अन्य राज्यों के ज्यादा छात्र-छात्राएं एनआईटी (NIT) इंफाल में पढ़ाई करते हैं। इसमें ज्यादातर छात्र-छात्राएं वाराणसी और गोरखपर से हैं। छात्रों का कहना है कि वे इस इस वक्त एनआईटी इंफाल के कैंपस में ही मौजूद हैं।
यूपी के छात्रों की मदद करेगी योगी सरकार
त्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृह विभाग को राज्य के उन छात्रों की मदद करने का निर्देश दिया है, जो इस समय हिंसा प्रभावित मणिपुर में फंसे हुए हैं। मुख्यमंत्री का राज्यों के गृह विभाग को यह निर्देश तब आया जब छात्रों ने उत्तर प्रदेश सरकार से उन्हें मणिपुर से निकालने की अपील की, जो मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में फंस गए हैं।
सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, प्रधान सचिव (गृह विभाग) संजय प्रसाद ने मणिपुर के मुख्य सचिव से बात की और उनसे उत्तर प्रदेश के छात्रों की मदद करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य राहत आयुक्त कार्यालय को भी मणिपुर सरकार के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया गया है।
महाराष्ट्र के छात्रों को वापस लाने के लिए विशेष विमान हिंसा प्रभावित मणिपुर भेजा जाएगा: शिंदे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा कि हिंसा प्रभावित मणिपुर में फंसे राज्य के छात्रों को वापस लाने के लिए विशेष विमान की व्यवस्था की जाएगी।
शिंदे ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि उनकी सरकार हिंसा प्रभावित मणिपुर के हालात पर लगातार नजर रख रही है। उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र के 22 छात्र मणिपुर में हैं। मैंने उनमें से दो-विकास शर्मा और तुषार अव्हाण से बातचीत की है, और उन्हें घर वापस लाने के लिए विशेष विमान की व्यवस्था करने का भरोसा दिलाया है। मैंने उनसे किसी भी चीज से भयभीत नहीं होने को कहा है। उन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए राज्य हर संभव तैयारी कर रहा है।’’
बयान में कहा गया है कि दोनों छात्र मणिपुर में प्रौद्योगिकी संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सभी जरूरी व्यवस्था करने के लिए महाराष्ट्र के मुख्य सचिव मनोज सौनिक और राज्य के अन्य अधिकारियों से भी बतचीत की है। हम हालात पर करीब से नजर रख रहे
हैं।’’
वहीं तेलंगाना, राजस्थान और आंध्र प्रदेश सरकार सरकार ने भी अपने स्टूडेंट को रेस्क्यू करने का बनाया है। राज्य सरकार ने यहां रह रहे लोगों को जल्द से जल्द एयरलिफ्ट कर रेस्क्यू करने के निर्देश दिए हैं।
आंध्र के 70 छात्र
आंध्र प्रदेश के 70 छात्र राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) इंफाल में फंसे हुए हैं और उनके परिवारों ने राज्य सरकार से उन्हें हिंसा प्रभावित मणिपुर से सुरक्षित निकालने के लिए एक विशेष विमान भेजने की मांग की है। छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंतित उनके माता-पिता ने आंध्र प्रदेश सरकार से तेलंगाना सरकार की तर्ज पर व्यवस्था करने का अनुरोध किया है, जो अपने नागरिकों को निकालने के लिए एक विशेष विमान भेज रही है।
आंध्र प्रदेश सरकार ने मणिपुर में आंध्र प्रदेश के छात्रों को किसी भी प्रकार की सहायता प्रदान करने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। हेल्पलाइन नंबर 011-23384016 और 011-23387089 हैं।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, हम हर तरह की मदद सुनिश्चित करने के लिए मणिपुर सरकार और स्थानीय प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में हैं। राज्य में वर्तमान कानून व्यवस्था की स्थिति से प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए मणिपुर सरकार द्वारा निम्नलिखित हेल्पलाइन नंबर प्रदान किए गए हैं।
आईआरएस एमएन माइकल एकोम- 8399882392
संयुक्त सचिव (गृह) रेहानुद्दीन चौधरी- 9436034077
संयुक्त सचिव (गृह) पीटर सलाम- 7005257760
संयुक्त सचिव (गृह) डॉ. चरणजीत सिंह- 8794475406
उप सचिव (गृह) डॉ. मायेंगबाम वीटो सिंह- 8730931414
डीएसपी(होम) एस रुद्रनारायण सिंह- 7085517602
बयान में कहा गया, वार्ड के माता-पिता जो मणिपुर में हैं, वे एपी भवन नई दिल्ली में स्थापित हेल्पलाइन के विवरण के साथ अपने बच्चों को हेल्पलाइन नंबर बता सकते हैं। हम छात्रों से अनुरोध करते हैं कि वे इंफाल या एपी भवन, नई दिल्ली में हेल्पलाइन के माध्यम से संपर्क करें।
सिक्किम हिंसा प्रभावित मणिपुर से अपने 128 छात्रों को वापस ला रहा
गंगटोक, सात मई हिंसा प्रभावित मणिपुर में रह रहे सिक्किम के 128 छात्रों को रविवार को वापस उनके गृह राज्य लाया जा रहा है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मणिपुर में फंसे छात्रों को राज्य सरकार पहले विमान से इंफाल से कोलकाता लेकर आई। इसके बाद, कोलकाता से ये लोग बसों से सिलिगुड़ी पहुंचे।
अधिकारियों के मुताबिक, सिलिगुड़ी से सभी छात्र एसएनटी बसों (सरकारी बसों) से प्रांतीय राजधानी गंगटोक पहुंचेंगे। अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर के सुदूर इलाके में तैनात सिक्किम के एक डॉक्टर को भी सुरक्षित वापस लाया गया है।
छात्रों को वापस लाने ले जुड़े ‘ऑपरेशन गुरान’ का नेतृत्व मुख्य सचिव वी बी पाठक ने किया।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग लगातार हालात पर नजर रख रहे थे। वह छात्रों की सुरक्षा का लगातार जायजा ले रहे थे।
वहीं तेलंगाना सरकार ने मणिपुर में फंसे अपने लोगों को निकालने के लिए एक विमान भेजा है। राज्य सरकार ने कहा कि वह तेलंगाना के छात्रों और मणिपुर में रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय कर रही है। मणिपुर राज्य की स्थिति पर नजर रखने और मणिपुर में तेलंगाना के लोगों के हितों की रक्षा के लिए एक स्पेशल सेल खोला गया है।
राजस्थान के कई स्टूडेंट्स हिंसाग्रस्त मणिपुर में फंसे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसपर चिंता जाहिर की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के अधिकारी मणिपुर सरकार से संपर्क में है। स्टूडेंट्स का यहां फंसे रहने चिंता की बात है।
राजस्थान के कई स्टूडेंट्स हिंसाग्रस्त मणिपुर में फंसे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसपर चिंता जाहिर की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के अधिकारी मणिपुर सरकार से संपर्क में है। स्टूडेंट्स का यहां फंसे रहने चिंता की बात है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपने लोगों को मणिपुर से रेस्क्यू करने का ऐलान किया है। हालात पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री ने चीफ सेक्रेटरी से तुरंत मदद भेजने के निर्देश
दिए। मुख्यमंत्री ने वहां से आने वाले लोगों को भी पर्याप्त सुरक्षा देने कहा है।
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