एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी बने दक्षिण पश्चिमी वायु कमान के कमांडिंग-इन-चीफ
एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी (Narmdeshwar Tiwari) ने 1 मई को गांधीनगर में दक्षिण-पश्चिमी वायु कमान (SWAC) के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (AOC-In-C) का पदभार ग्रहण किया।
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उन्होंने एयर मार्शल विक्रम सिंह (Air Marshal Vikram Singh) का स्थान लिया, जो 30 अप्रैल, 2023 को सेवानिवृत्त हुए थे। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी (Air Marshal Narmdeshwar Tiwari) को 7 जून, 1986 को फाइटर स्ट्रीम में कमीशन दिया गया था। वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व-छात्र हैं और राष्ट्रपति गोल्ड मेडलिस्ट के रूप में उत्तीर्ण हुए हैं। उन्होंने विभिन्न प्रकार के विमानों पर 3600 घंटे से अधिक की उड़ान भरी है। वे एक योग्य फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर होने के साथ-साथ एक एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट भी हैं।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि एयर मार्शल के पास क्षेत्र का समृद्ध अनुभव है, जिसमें मुख्य रूप से मिराज-2000 पर विभिन्न हथियारों और प्रणालियों का परिचालन परीक्षण भी शामिल है। कारगिल संघर्ष के दौरान वे विभिन्न ऑपरेशनों में सक्रिय रूप से शामिल रहे और कई महत्वपूर्ण मिशनों में हिस्सा लिया।
उन्होंने राजस्थान सेक्टर में फ्रंटलाइन फाइटर बेस की भी कमान संभाली है। इसके बाद, उन्होंने वायुसेना के प्रमुख उड़ान परीक्षण प्रतिष्ठान एएसटीई के मुख्य टेस्ट पायलट के रूप में कार्य किया। वे 2013-16 से पेरिस में एयर अटैची थे। फ्रांस से लौटने पर उन्होंने वायुसेना स्टेशन जोधपुर की कमान संभाली। उन्होंने अक्टूबर 2018 में राष्ट्रीय उड़ान परीक्षण केंद्र में परियोजना निदेशक (उड़ान परीक्षण) का पदभार संभाला, जहां वे हल्के लड़ाकू विमान तेजस के विकास और संचालन में सक्रिय रूप से शामिल थे।
दक्षिण पश्चिमी वायु कमान (एसडब्ल्यूएसी) के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (एओसी-इन-सी) के रूप में कार्यभार संभालने से पहले, एयर मार्शल वायुसेना मुख्यालय (वीबी) में वायुसेना के उप प्रमुख थे। उनकी विशिष्ट सेवा के लिए उन्हें 2008 में 'वायुसेना पदक' और 2022 में 'अति विशिष्ट सेवा पदक' से सम्मानित किया गया था।
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