पायलटों का आरोप, AIR India की मानव संसाधन नीतियां कठोर व अनैतिक

Last Updated 22 Apr 2023 09:49:41 AM IST

एयर इंडिया लिमिटेड की मानव संसाधन (एचआर) नीति को 'कठोर दृष्टिकोण' और 'विश्वास की कमी से प्रेरित' करार देते हुए दो पायलट निकायों ने टाटा समूह के अध्यक्ष एन. चंद्रशेखरन से हस्तक्षेप करने और सुधार करने की अपील की है।


टाटा को हमेशा अपनी निष्पक्ष और नैतिक प्रथाओं पर गर्व है। हालांकि, पायलटों के संबंध में मानव संसाधन विभाग की कार्रवाई इन मूल्यों के विपरीत है। पायलटों के साथ अनुचित व्यवहार किया जा रहा है। इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) और इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) के एक संयुक्त पत्र में कहा गया है कि कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए मौजूद कानूनों और नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। पायलटों को एक शत्रुतापूर्ण कार्य वातावरण के अधीन कार्य करना पड़ रहा है।

यूनियनों ने अध्यक्ष से कहा, यह जरूरी है कि मानव संसाधन विभाग (एयर इंडिया के) की द्वेषपूर्ण विचारधारा को खत्म किया जाए, ताकि हमारी सम्मानित एयरलाइन की विकास संभावनाओं पर किसी भी संभावित प्रतिकूल प्रभाव को रोका जा सके।

पायलट यूनियनों ने कहा कि जब टाटा समूह ने एयर इंडिया को खरीदा तो वे आशान्वित और उत्साहित थे

यूनियनों ने कहा कि एयर इंडिया का मानव संसाधन विभाग एयरलाइन की मानव संपत्ति को विघटित करने, पुनर्गठित करने और उसे बदलने पर केंद्रित है।

यूनियनों ने आरोप लगाया,मानव संसाधन नीतियां विश्वास की कमी और कर्मचारियों की स्वायत्तता को कम करने के उद्देश्य से प्रेरित हैं।

यूनियनों के अनुसार, उनके मुद्दों पर एयर इंडिया के मानव संसाधन विभाग की प्रतिक्रिया टाटा समूह की सार्वजनिक धारणा के विपरीत है, जो एक दयालु नियोक्ता के रूप में अपने कर्मचारियों के प्रति सहानुभूति के लिए जाना जाता था।

पत्र में कहा गया है, एयर इंडिया में वर्तमान मानव संसाधन नेतृत्व का दर्शन दिवंगत जेआरडी टाटा और चेयरमैन रतन टाटा द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों से काफी भिन्न प्रतीत होता है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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