Retirement के एक दिन पहले भी कर्मचारी वेतनवृद्धि का हकदार
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को कहा कि सरकारी कर्मचारी सालाना वेतनवृद्धि (Annual increment) के हकदार हैं, भले ही वे वित्तीय लाभ लेने के अगले ही दिन सेवानिवृत्त (Retirement) क्यों न हो रहे हों।
![]() सुप्रीम कोर्ट |
सार्वजनिक क्षेत्र की कर्नाटक पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लि. (KPTCL) की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। कंपनी ने याचिका में कर्नाटक हाई कोर्ट की खंडपीठ के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि सेवानिवृत्त होने के एक दिन पहले भी सरकारी कर्मचारी सालाना वेतनवृद्धि के हकदार हैं।
जस्टिस मुकेश कुमार शाह (Justice Mukesh Kumar Shah) और सीटी रविकुमार (CT Ravikumar) की बेंच ने केपीटीसीएल (KPTCL) की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अपीलकर्ता (केपीटीसीएल) की ओर से यह दलील दी गई है कि वाषिर्क वेतनवृद्धि प्रोत्साहन के रूप में है और एक कर्मचारी को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करने को लेकर है। इसीलिए, जब वह सेवा में नहीं है, तो वाषिर्क वेतनवृद्धि का कोई सवाल ही नहीं है। इस दलील का कोई मतलब नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न हाई कोटरे के अलग-अलग विचारों को संज्ञान में लिया और इस कानूनी प्रश्न पर निर्णय सुनाया कि क्या एक कर्मचारी के वेतन में उस स्थिति में वाषिर्क वृद्धि होनी चाहिए कि वह यह लाभ लेने के अगले दिन ही सेवानिवृत्त हो रहा है।
ऐसी स्थिति में क्या वह इसका हकदार है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक विद्युत बोर्ड कर्मचारी सेवा विनियमन, 1997 के नियम 4(1) (Karnataka Electricity Board Employees Service Regulation, Rule 4 (1) of 1997) पर विस्तार से विचार किया और वाषिर्क वेतनवृद्धि प्रदान करने के पीछे की सोच और उद्देश्य का विश्लेषण किया।
अदालत ने कहा कि एक सरकारी कर्मचारी को एक वर्ष की सेवा प्रदान करने के दौरान उसके अच्छे आचरण के आधार पर वाषिर्क वेतनवृद्धि प्रदान की जाती है। अच्छे आचरण वाले अधिकारियों को सालाना वेतनवृद्धि का लाभ दिया जाता है। वास्तव में एक वर्ष या निर्धारित अवधि में अच्छे आचरण के साथ सेवा प्रदान करने के लिए वेतनवृद्धि अर्जित की जाती है। वाषिर्क वेतनवृद्धि के लाभ की पात्रता पहले से प्रदान की गई सेवा के कारण है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल इस कारण से कि एक सरकारी कर्मचारी अगले ही दिन सेवानिवृत्त हो रहा है, उसे पिछले वर्ष में अच्छे आचरण और दक्षता के साथ सेवा प्रदान करने के बाद अर्जित वाषिर्क वेतनवृद्धि से वंचित नहीं किया जा सकता है। इससे पहले, हाई कोर्ट की एकल पीठ ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया था। खंडपीठ ने उस आदेश को खारिज कर दिया था।
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