भारत-जापान ने वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को विस्तार देने का लिया संकल्प
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा ने सोमवार को भारत-जापान वैश्विक रणनीतिक साझेदारी का विस्तार करने का संकल्प लिया और कहा कि यह शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत के लिए महत्वपूर्ण है।
![]() भारत के दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे जापान के पीएम फुमियो किशिदा सोमवार को बुद्ध जयंती पार्क में पीएम मोदी की मेहमाननवाजी और देसी स्वाद ‘गोलगप्पे’ का आनंद लेते हुए। |
दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत-जापान द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की और रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी सहयोग, व्यापार, स्वास्थ्य और डिजिटल साझेदारी पर विचारों का आदान प्रदान किया।
वार्ता के बाद मीडिया को दिए साझा बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘भारत-जापान ‘विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी’ हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और अंतरराष्ट्रीय पटल पर कानून के सम्मान पर आधारित है। इस साझेदारी को मजबूत बनाना हमारे दोनों देशों के लिए तो महत्वपूर्ण है ही, इससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता को भी बढावा मिलता है।’
उन्होंने बताया कि सेमीकंडक्टर और अन्य महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों में विश्वस्त आपूर्ति श्रृंखला के महत्व पर भी दोनों नेताओं के बीच ‘सार्थक चर्चा’ हुई। पिछले साल भारत में पांच लाख करोड़ येन (3,20,000 करोड़ रुपये) के निवेश के जापान के लक्ष्य का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा, ‘यह संतोष का विषय है कि इस दिशा में अच्छी प्रगति हुई है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-जापान औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता भागीदारी (आईजेआईसीपी) की स्थापना का भी जिक्र किया और कहा कि इसके अंतर्गत दोनों देश लॉजिस्टिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई), वस्त्र संबंधी उपकरण और इस्पात जैसे क्षेत्रों में भारतीय उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाई जा रही है। उन्होंने कहा, ‘आज हमने इस साझेदारी की सक्रियता पर भी प्रसन्नता व्यक्त की है।’ मोदी ने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना पर भी ‘हम तेजी से आगे बढ़’ रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और जापान वर्ष 2023 को ‘टूरिज्म एक्सचेंज’ वर्ष के रूप में मना रहे हैं और इसके लिए दोनों देशों ने ‘कने¨क्टग हिमालयाज विद माउंट फूजी’ नाम का थीम चुना है। उन्होंने कहा कि भारत जी-20 और जापान जी-7 की अध्यक्षता कर रहा है, इसलिए अपनी-अपनी प्राथमिकताओं और हितों पर साथ मिलकर काम करने का यह उत्तम अवसर है।
मोदी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री किशिदा को भारत की जी-20 अध्यक्षता की प्राथमिकताओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, ‘हमारी जी-20 अध्यक्षता का एक महत्वपूर्ण स्तंभ ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को आवाज देना है। वसुधैव कुटुंबकम को मानने वाली संस्कृति सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है और इसलिए हमने यह पहल की है।’
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