प्रधानमंत्री मोदी ने लचित बोड़फूकन के 400वें जयंती वर्ष के समापन समारोह में की शिरकत

Last Updated 25 Nov 2022 12:18:44 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, राज्यपाल जगदीश मुखी, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और अन्य ने दिल्ली में लचित बरफुकन की 400वीं जयंती समारोह में भाग लिया और उनको श्रद्धांजलि अर्पित की।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य के जनरल लचित बोड़फूकन की 400वीं जयंती पर साल भर आयोजित कार्यक्रमों के समापन समारोह में आज शामिल हुए।

मोदी ने अहोम जनरल लाचित बरफूकन की 400वीं जयंती के अवसर पर उनपर लिखी किताब का विमोचन किया।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में बताया कि प्रधानमंत्री आज विज्ञान भवन में आयोजित समापन समारोह को संबोधित करेंगे।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी का निरंतर प्रयास रहा है कि गुमनाम नायकों को उचित सम्मान दिया जाए। इसी के अनुरूप देश 2022 को लचित बोड़फूकन की 400वीं जयंती वर्ष के रूप में मना रहा है।

लचित बोड़फूकन के 400वें जयंती वर्ष समारोह का उद्घाटन पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसी साल फरवरी में असम के जोरहाट में किया था।

लचित बोड़फूकन असम के पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य में एक सेनापति थे। सरायघाट के 1671 के युद्ध में उनके नेतृत्व के लिए उन्हें जाना जाता है। इस युद्ध में औरंगजेब के नेतृत्व वाली मुगल सेना का असम पर कब्जा करने का प्रयास विफल कर दिया गया था।

इस विजय की याद में असम में 24 नवंबर को लचित दिवस मनाया जाता है। सरायघाट का युद्ध गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी के तटों पर लड़ा गया था।

प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, लचित बोड़फूकन ने 1671 में लड़ी गई सरायघाट की लड़ाई में असमिया सैनिकों को प्रेरित किया, जिसकी वजह से मुगलों को करारी और अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा।

उसने कहा, ‘‘लचित बोड़फूकन और उनकी सेना की ओर से लड़ी गई यह लड़ाई हमारे देश के इतिहास में प्रतिरोध की सबसे प्रेरणादायक सैन्य उपलब्धियों में से एक है।’
 

 

ऐजेंसी
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment