खड़गे-थरूर में मुकाबला : कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग आज
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच सोमवार को पार्टी अध्यक्ष पद का चुनावी मुकाबला होगा और कांग्रेस में 24 साल बाद नेहरू-गांधी परिवार के बाहर से कोई अध्यक्ष बनेगा।
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कांग्रेस के करीब 9,300 प्रतिनिधि सोमवार को दो दावेदारों मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच पार्टी का नया अध्यक्ष चुनने के लिए मतदान करेंगे। सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के कार्यालयों में सुबह 10.00 बजे से शाम 4.00 बजे तक मतदान होगा। पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण (सीईए) के मुताबिक करीब 67 बूथ बनाए गए हैं।
एक बार मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के बाद, सभी बैलेट बॉक्स नई दिल्ली में एआईसीसी मुख्यालय में लाए जाएंगे। बुधवार को मतगणना समाप्त होते ही परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।
राहुल गांधी, जो अपनी भारत जोड़ो यात्रा पर हैं, कर्नाटक के बल्लारी में एक शिविर में मतदान करेंगे, जबकि निवर्तमान अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह पार्टी मुख्यालय में अपने मतपत्र डालेंगे।
सीईए के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने कहा, "एआईसीसी में भी एक बूथ होगा, खासकर सभी वरिष्ठ नेताओं, कार्य समिति के सदस्यों और उन सभी के लिए जिनके पहचान पत्र अलग राज्य से हैं लेकिन दिल्ली में रह रहे हैं। अगर वे हमें लिखते हैं कि वे दिल्ली में वोट करना चाहते हैं तो हम यहां भी व्यवस्था करेंगे, वे यहां एआईसीसी में भी वोट कर सकते हैं।"
उन्होंने मतदाताओं को मतदान की गोपनीयता का आश्वासन भी दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा यहां एआईसीसी मुख्यालय में मतदान कर सकती हैं, वहीं राहुल गांधी कर्नाटक में बेल्लारी के संगनाकल्लू में भारत जोड़ो यात्रा के शिविर स्थल पर मतदान में भाग लेंगे। उनके साथ पीसीसी के करीब 40 प्रतिनिधि भी मतदान करेंगे जो यात्रा में शामिल हैं। गांधी परिवार के करीबी होने और कई वरिष्ठ नेताओं के समर्थन के कारण खड़गे को पार्टी अध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
हालांकि थरूर भी खुद को पार्टी में बदलाव के लिए मजबूत प्रत्याशी के रूप में पेश कर रहे हैं। थरूर ने चुनाव प्रचार के दौरान असमान अवसरों के मुद्दे उठाये, लेकिन खड़गे और पार्टी के साथ उन्होंने यह भी माना है कि गांधी परिवार के सदस्य तटस्थ हैं और कोई ‘आधिकारिक उम्मीदवार’ नहीं है।
चुनाव की अहमियत के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि वह हमेशा से ऐसे पदों के लिए आम-सहमति बनाने के कांग्रेस के मॉडल पर भरोसा करते रहे हैं। जवाहर लाल नेहरू के बाद के कालखंड में इस मॉडल पर सबसे ज्यादा भरोसा के. कामराज करते थे।
अध्यक्ष पद के चुनाव अभियान में अंतर साफ दिखाई दिया है। खड़गे के प्रचार में जहां पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, प्रदेश कांग्रेस इकाइयों के अध्यक्ष और शीर्ष नेता राज्य मुख्यालयों में उनकी अगवानी करते देखे गए हैं, वहीं थरूर के स्वागत में अधिकतर प्रदेश कांग्रेस समितियों के युवा प्रतिनिधियों को ही देखा गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों की इस दौरान गैर-मौजूदगी ही रही। थरूर अपने अभियान के दौरान इस बात को रेखांकित करते रहे हैं कि वह बदलाव के प्रत्याशी हैं, जबकि खड़गे परंपरावादी उम्मीदवार हैं।
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