अध्यक्ष की रेस से गहलोत बाहर!
पिछले दो दिन से राजस्थान कांग्रेस में चल रहे घटनाक्रम से पार्टी नेतृत्व बेहद नाराज है। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे के विधायकों द्वारा समानांतर बैठकें करने को पार्टी ने अनुशासनहीनता माना है।
![]() राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत |
बताया जा रहा है कि पंजाब की तर्ज पर ही कांग्रेस आलाकमान इसे अपने निर्देश की नाफरमानी मान रहा है। गहलोत समर्थकों की गतिविधियों के बाद पार्टी में यह माना जा रहा है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस से गहलोत का पत्ता साफ हो गया है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, जिस तरीके से घटनाएं हुई हैं, उससे साफ है कि यह गहलोत द्वारा सीधे सीधे आलाकमान को चुनौती देने जैसा है।
पार्टी के वरिष्ठ रणनीतिकारों का मानना है कि यह संभव नहीं है कि जयपुर में जो कुछ चल रहा है, वह बिना गहलोत की सहमति के है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व की नाराजगी गहलोत को आने वाले दिनों में भारी पड़ सकती है।
सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व ने इस बार कड़े फैसले का मन बना लिया है।
सूत्रों की माने तो इस पूरे घटनाक्रम से राहुल व प्रियंका गांधी बेहद नाराज हैं। गौरतलब है कि गहलोत को गांधी परिवार का बेहद करीबी और विश्वसनीय माना जाता रहा है, ऐसे में उनके नेतृत्व में राजस्थान का घटनाक्रम गांधी परिवार के लिए अप्रत्याशित है।
गांधी परिवार राजस्थान में सचिन पायलट को कमान देने का मन बना चुका था लेकिन गहलोत खेमे के विरोध के बाद इसे सीधे नेतृत्व को चुनौती देने के रूप में देखा जा रहा है। घटनाक्रम से नाराज राहुल गांधी ने पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल को केरल से दिल्ली रवाना किया है।
इसके बाद यह माना जा रहा है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए अन्य विकल्पों को तलाशा जाए। ताजा घटनाक्रम के बाद जिन नामों पर विचार किया जा रहा है, उनमें कमलनाथ, मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल व मुकुल वासनिक के नाम शामिल हैं। सूत्रों की माने तो आने वाले एक दो दिन में सब कुछ सामने आ जाएगा।
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