खालिस्तानी नेटवर्क खत्म करने के लिए जीरो टालरेंस नीति
भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले खालिस्तानी संगठन की अब खैर नहीं।
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पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारों पर देश में बढ़ रहे संगठन के खतरों को देखते हुए उसपर लगाम कसने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय फुल एक्शन में आ गया है। सरकार ने इस बाबत जांच एजेंसियों को जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने और उस पर काम लेने की खुली छूट दे दी है।
सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ने पांच राज्यों में खालिस्तानी नेटवर्क और ड्रग ट्रैफिकिंग मॉड्यूल को खत्म करने के लिए सख्त कार्रवाई का निर्णय लिया है। गृह मंत्रालय ने जांच एजेंसियों को दिल्ली-एनसीआर और दिल्ली से सटे राज्य हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और यूपी में खालिस्तानी नेटवर्क को जड़ से खत्म करने का निर्देश दिया है।
गृह मंत्रालय ने एनआईए, ईडी, आईबी, रॉ और दिल्ली पुलिस सहित दूसरे राज्यों के साथ हुई अहम बैठक के बाद यह बड़ा फैसला लिया है।
सूत्रों ने बताया, अब एनआईए दिल्ली और आसपास के राज्यों में खालिस्तानी गतिविधियों पर एफआईआर दर्ज करेगी। गृह मंत्रालय ने एनआईए को ड्रोन के जरिए हथियार, आईईडी और विस्फोटक भेजने पर खालिस्तानी गैंग और उससे जुड़े संगठनों पर एफआईआर दर्ज करने का नोटिफिकेशन जारी किया है।
सरकार के इस क़दम के चलते पांच खालिस्तानी संगठनों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इनमें खालिस्तानी लिब्रेशन फ्रंट (केएलएफ), बब्बर खालसा (इंटरनेशनल), सिख यूथ फेडरेशन (एसवाईएफ), सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) और खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) आदि हैं।
सूत्रों के अनुसार आईबी और एनआईए के पास ऐसी पुख्ता जानकारी है कि दिल्ली और आसपास के राज्यों में जो आईईडी और विस्फोटक पिछले कुछ महीने में मिले हैं, उसके पीछे आईएसआई और पाकिस्तान में मौजूद खालिस्तानी संगठनों का हाथ है। यह बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे।
सूत्रों के अनुसार, खालिस्तानी संगठनों को विदेशी फंडिंग कहां से आ रही है, उसकी भी जांच की जाएगी। इसके साथ सिख फॉर जस्टिस, बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, खालिस्तान टाइगर फोर्स पर भी शिंकजा कसा जाएगा और उसके विदेशी फंडिंग की भी जांच की जाएगी।
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