कोयला घोटाले में पूर्व सचिव गुप्ता दोषी करार, तीन साल की जेल
दिल्ली की एक विशेष अदालत ने महाराष्ट्र के लोहारा ईस्ट कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में अनियमितता को लेकर दोषी ठहराए गए कोयला मंत्रालय के पूर्व सचिव एचसी गुप्ता को तीन वर्ष की सजा सुनाई है।
![]() कोयला घोटाला : पूर्व सचिव गुप्ता को तीन साल की जेल |
साथ ही पूर्व संयुक्त सचिव केएस क्रोफा को भी दो साल की सजा सुनाई गई है। अदालत ने गुप्ता पर एक लाख रुपए व क्रोफा पर 50 हजार रु पए का जुर्माना भी लगाया है।
राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष सीबीआई न्यायाधीश अरु ण भारद्वाज ने इन दोनों के अलावा तीसरे अभियुक्त मुकेश गुप्ता को चार साल कैद की सजा के साथ दो लाख रु पए का जुर्माना किया है।
इसके अलावा उन्होंने दोषी ठहराए गए कंपनी ग्रेस इंडस्ट्रीज लिमिटेड पर दो लाख रु पए का जुर्माना लगाया है।
अदालत ने 29 जुलाई को तीनों अभियुक्तों को आपराधिक साजिश व धोखाधड़ी का दोषी ठहराया था। उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी दोषी ठहराया गया था।
आरोप पत्र में कहा गया था कि अभियुक्तों ने 2005-2011 के बीच आपराधिक साजिश रची और जीआईएल के पक्ष में लोहरा ईस्ट कोल ब्लॉक की खरीद के लिए कोयला मंत्रालय को धोखा दिया।
क्या है मामला
यह केस महाराष्ट्र की एक कोयला खदान को निजी कंपनी को आवंटित करने में हुई अनियमितता का है। विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने गुप्ता के अलावा इस मामले में कोयला मंत्रालय के पूर्व संयुक्त सचिव केएस क्रोफा को भी दो साल की कैद की सजा सुनाई है। दोनों को पिछले हफ्ते अदालत ने दोषी ठहराया था। कोर्ट ने इस मामले में निजी कंपनी के निदेशक मुकेश गुप्ता को भी चार साल जेल की सजा सुनाई। क्रोफा पर 50 हजार रुपये का तो गुप्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसी तरह मुकेश गुप्ता व कंपनी पर भी दो-दो लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है।
कोयला घोटाले के 11 मामलों में अब तक सजा
विशेष सीबीआई कोर्ट ने पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और कोयला मंत्रालय के ही पूर्व संयुक्त सचिव केएस क्रोफा तथा अन्य को महाराष्ट्र में लोहारा ईस्ट कोल ब्लॉक आवंटन में अनियमितता के लिए दोषी करार दिया है। नागपुर की कंपनी ग्रेस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और इसके निदेशक मुकेश गुप्ता को भी दोषी ठहराया गया। इन सभी को आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी पाया गया। कोयला घोटाले में दोषसिद्धि का यह 11वां मामला है।
तीन अन्य मामलों में भी दोषी
पूर्व कोयला सचिव गुप्ता इससे पहले तीन अन्य कोयला घोटाला मामले में भी दोषी करार दिए जा चुके हैं। इन मामलों में उनकी अपील दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित हैं। अभी वे जमानत पर हैं। सीबीआई के अनुसार, 2005 और 2011 के बीच आरोपियों ने आपराधिक साजिश रची और कोयला मंत्रालय को धोखा दिया।
गलत जानकारी देकर गुमराह किया
आरोपियों ने कंपनी की संपत्ति, क्षमता, उपकरण और खरीद की स्थिति तथा संयंत्र की स्थापना के बारे में गलत जानकारी देकर ग्रेस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के पक्ष में कोल ब्लॉक आवंटित करने के लिए केंद्र और कोयला मंत्रालय को गुमराह किया। जांच एजेंसी ने कहा कि कंपनी ने अपने आवेदन में दावा किया था कि उसका कुल नेटवर्थ 120 करोड़ रुपये है जबकि हकीकत में उसकी कुल कीमत 3.3 करोड़ रुपये थी। साथ ही कंपनी ने 30,000 टीपीए (थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर) के बदले अपनी मौजूदा क्षमता 1,20,000 टीपीए दिखाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 25 अगस्त 2014 को सभी कोल ब्लॉकों का आवंटन रद्द कर दिया था।
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