ममता सरकार कानून व्यवस्था पूरी तरह से नाकाम - दिलीप घोष

Last Updated 24 Mar 2022 07:18:02 PM IST

बीरभूम हिंसा और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़ को हटाने को लेकर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा आमने सामने हैं।


पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर से लोक सभा सांसद दिलीप घोष

पश्चिम बंगाल में जारी हिंसा, राज्यपाल को हटाने की तृणमूल कांग्रेस की मांग और केंद्र सरकार के हस्तक्षेप सहित कई मुद्दों पर आईएएनएस के वरिष्ठ सहायक संपादक संतोष कुमार पाठक ने भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर से लोक सभा सांसद दिलीप घोष से खास बातचीत की।

सवाल - बीरभूम हिंसा को लेकर आप लोगों ने ( भाजपा सांसदों ) मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर, हस्तक्षेप की मांग की थी। आज तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने गृह मंत्री से मुलाकात कर राज्यपाल जगदीप धनकड़ को हटाने की मांग की है। टीएमसी यह आरोप लगा रही है कि राज्यपाल संवैधानिक मर्यादाओं के खिलाफ जाकर काम कर रहे हैं।

जवाब - राज्यपाल साहब , इनके गले की हड्डी बन गए हैं क्योंकि वो इनसे सवाल पूछते हैं। जब भी इस प्रकार की घटना ( बीरभूम हिंसा ) होती है तो वो सीधा प्रशासन से सवाल पूछते हैं, इस बार भी राज्यपाल बोले कि कानून व्यवस्था कहां है ? एक टीएमसी नेता की हत्या होती है तो वहां पर तुरंत पुलिस की पोस्टिंग होनी चाहिए थी, ऐसा क्यों नहीं हुआ ? उस हत्या की प्रतिक्रिया में 12 लोगों को जलाकर मार दिया गया। उसमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं। आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जाकर वही सवाल पूछ रही हैं जो हम चार दिनों से पूछ रहे हैं। आज वो अपनी पार्टी के नेता को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को बोल रही हैं। जब मुख्यमंत्री बोलेंगी तभी पुलिस कार्यवाही होगी , यह कोई कानून व्यवस्था है क्या ? राज्यपाल ने भी यही सवाल उठाया इसलिए टीएमसी उनसे गुस्सा है। सच्चाई यही है कि जब ये लोग नाकाम हो जाते हैं तो राज्यपाल को निशाना बनाते हैं।

सवाल - लेकिन गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने यह दावा किया कि उन्होंने गृह मंत्री को बीरभूम हिंसा पर राज्य सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में बताया और गृह मंत्री उनकी जानकारी से संतुष्ट हो गए।

जवाब - अमित शाह जी संतुष्ट हैं, यह उन्हें कैसे मालूम हो गया। अगर वो संतुष्ट हैं तो फिर गृह मंत्री पश्चिम बंगाल में टीम क्यों भेज रहे हैं। जो प्रश्न बाकी लोग उठा रहे हैं वो ममता बनर्जी भी स्वीकार कर रही हैं। अमित शाह जी पिछले 7-8 वर्षों से बंगाल को जानते हैं। उन्हें पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था की हालत की पूरी जानकारी है , कई बार राज्य सरकार को एडवाइजरी भेज चुके हैं लेकिन ममता बनर्जी सरकार टस से मस नहीं होती और वो अब राज्यपाल को हटाने के मिशन में लगी हैं।

सवाल - भाजपा केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की मांग कर रही है। आखिर आप लोग किस तरह का हस्तक्षेप चाहते हैं - धारा 355 या राष्ट्रपति शासन ?

जवाब- संविधान के अंदर जो व्यवस्था है, उसी के अनुसार केंद्र सरकार को फैसला लेना होगा। नई सरकार के बहुमत से चुनकर आए एक साल भी नहीं हुआ। लेकिन वो सरकार नाकाम हो चुकी है, कानून व्यवस्था टूट चुकी है। लोगों के जान की कोई सुरक्षा नहीं है। चार दिन पहले हमारे सांसद पर हमला किया गया। उसके दो दिन पहले हमारे जिलाध्यक्ष पर हमला हुआ। पिछले एक सप्ताह में राज्य में 26 लोगों की हत्या हो चुकी है। प्रदेश में राजनैतिक, गैर-राजनैतिक और सामाजिक, हर तरह की हिंसा लगातार बढ़ती जा रही है। इसके लिए राज्य की ममता बनर्जी सरकार जिम्मेदार है। इसलिए हमारी मांग है कि पश्चिम बंगाल के लोगों की सुरक्षा के लिए, राज्य में कानून व्यवस्था ठीक करने के लिए संविधान के मुताबिक केंद्र सरकार को जो ठीक लगे, कदम उठाना चाहिए।

आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment