केरल में 'सिल्वर लाइन प्रोजेक्ट' के खिलाफ विजय चौक पर प्रदर्शन, UDF सांसदों ने पुलिस पर लगाया हाथापाई का आरोप

Last Updated 24 Mar 2022 01:01:37 PM IST

कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ (यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) ने केरल में एलडीएफ (लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट) सरकार की सिल्वर लाइन परियोजना के खिलाफ गुरुवार को दिल्ली में अपना विरोध प्रदर्शन किया।


केरल के यूडीएफ के सांसदों ने संसद के ठीक बाहर विजय चौक पर 'सिल्वर लाइन प्रोजेक्ट' के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान सांसदों और पुलिस के साथ हुई धक्का-मुक्की भी हुई। पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान कई सांसदों को जब रोकने की कोशिश की तो उन्होंने पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी की।

इस मसले पर कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि वो पीएम से केरल के लोगों की चिंता को देखने और केरल के सीएम को रोकने की कोशिश करने की मांग कर रहे हैं। ऐसी भावना है कि सीपीआई (एम) और बीजेपी इस परियोजना में एक साथ होंगे, और प्रधानमंत्री मोदी इसको अपनी सहमति देंगे।


उन्होंने दावा किया कि सरकार द्वारा प्रस्तावित के-सिल्वर लाइन परियोजना जनविरोधी है। ज्यादातर लोगों को बेदखली का डर सता रहा है। केरल आर्थिक रूप से कमजोर राज्य है, यह आर्थिक रूप से व्यवहार्य परियोजना नहीं है। अब मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन मंजूरी लेने के लिए पीएम से मिलने जा रहे हैं।

संसद के निकट पुलिस ने हमारे साथ ‘धक्कामुक्की’ की: केरल के विपक्षी सांसदों ने कहा

केरल से ताल्लुक रखने वाले कुछ विपक्षी सांसदों ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में कहा कि उनके राज्य की एक परियोजना के विरोध में आज मार्च निकालने के दौरान संसद के निकट पुलिस ने उन्हें जबरन रोका तथा ‘धक्कामुक्की एवं पिटाई की।’

सदन में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस सांसद के. सुरेश और आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने यह विषय उठाया।

सुरेश ने कहा, ‘‘आज सुबह कुछ महिला सदस्यों समेत करीब 10 सांसदों ने विजय चौक से संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा तक के लिए विरोध मार्च निकाला था। यह विरोध मार्च केरल की सिल्वरलाइन परियोजना (राज्य सरकार की रेल परियोजना) को लेकरथा जिसका विरोध पिछले कई दिनों से केरल में हो रहा हैं। विरोध मार्च निकालने के बाद पुलिस ने हमें रोक लिया और संसद में घुसने नहीं दिया।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘पुलिसकर्मियों ने हमारे साथ धक्कामुक्की की, पिटाई की और निर्मम हमला किया।’’

सुरेश के अनुसार, सांसदों ने पुलिस को बताया कि वे संसद सदस्य हैं तथा विरोध और नारेबाजी करना उनका अधिकार है, इसके बावजूद पुलिस ने रोका जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

प्रेमचंद्रन ने कहा, ‘‘यह विशेषाधिकार का मामला बनता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। पुलिस का क्या अधिकार है कि वह सांसदों को संसद में प्रवेश करने से जबरन रोके।’’

इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘‘मैं चैम्बर में बुलाकर आपसे घटनाक्रम के बारे में बात करूंगा। फिर संबंधित अधिकारियों से भी बात करूंगा।’’

दरसअल केरल सरकार का दावा है कि सेमी हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का यह प्रोजेक्ट केरल के दो छोरों को जोड़ेगा, लेकिन 64,000 करोड़ रुपये की लागत वाले इस प्रोजेक्ट के खिलाफ राज्य में कई राजनीतिक दलों का प्रदर्शन जारी है। वहीं केरल सरकार राज्य में सिल्वर लाइन प्रॉजेक्ट लाना चाहती है, जिसकी जोर-शोर से तैयारी की जा रही है।

सरकार के अनुसार सिल्वरलाइन परियोजना से तिरुवनंतपुरम से कासरगोड तक यात्रा समय लगभग चार घंटे तक कम होने की उम्मीद है। इससे आर्थिक विकास होगा, हर साल कार्बन उत्सर्जन में लगभग 2.8 लाख टन की कमी आएगी। इस प्रोजेक्ट को लेकर केरल सरकार ने कई दावे किए हैं, जिस पर विपक्षी राजनीतिक दलों के नेताओं ने सवाल उठाए हैं।

आईएएनएस/भाषा
नई दिल्ली


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