Republic Day 2022: गणतंत्र दिवस के अवसर पर देशभक्ति के जोशीले नारो से गूंज उठा राजपथ

Last Updated 26 Jan 2022 12:12:01 PM IST

राजधानी दिल्ली में बुधवार की सुबह कड़कड़ती ठंड भी यहां के राजसी राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड देखने आने वाले लोगों के हौसले को पस्त करने में नाकाम रही है।


जोशीले नारो से गूंज उठा राजपथ

राजपथ पर सुबह साढ़े पांच बजे से ही लोगों का आना शुरू हो गया, जबकि परेड तकरीबन सुबह 10.30 बजे से शुरू हुई।

हालांकि, इस साल भीड़ बीते साल की तुलना में कम है क्योंकि देश में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के कारण कोरोना के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। इस साल भी भारत गणतंत्र दिवस को हल्के ढंग से मना रहा है।

राजपथ पर दर्शनार्थियों का लगभग हर सीट पर कब्जा है। यह भी उल्लेख किया जा सकता है कि बैठने की व्यवस्था दूरी बनाए रखने के कोरोना-प्रेरित प्रोटोकॉल को तहत की गई है।

सुरक्षाकर्मी राजपथ क्षेत्र के प्रवेश द्वार पर भी कोरोना टीकाकरण सर्टिफिकेट की जांच कर रहे हैं।

कतारों में खड़े लोगों को देशभक्ति के गीत और नारे लगाते और गाते हुए सुना जा सकता था।

भारतीय सेना की 61 ‘कैवेलरी रेजीमेंट’ के घुड़सवार सैनिक का दल बुधवार को गणतंत्र दिवस परेड की पहली मार्चिंग टुकड़ी रहा।

इस दल का नेतृत्व मेजर मृत्युंजय सिंह चौहान ने किया।
यह वर्तमान में दुनिया में सक्रिय एकमात्र घुड़सवार इकाई है। 61 ‘कैवेलरी रेजीमेंट’ का गठन 1953 में सभी राज्यों की अश्व इकाइयों को मिलाकर किया गया था।


रेजीमेंट ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 1918 में हाइफ़ा की लड़ाई में तुर्कों का मुकाबला किया था। रेजीमेंट को कुल 39 युद्ध सम्मान हासिल है। इसका नारा ‘‘अश्व-शक्ति यशोबल’’ है, जिसका अर्थ है ‘‘अश्व शक्ति सर्वोच्च है’’।

 

राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में भारतीय नौसेना की झांकी ने हिस्सा लिया।

दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में सेंचुरियन टैंक, PT-76, MBT अर्जुन MK-I और APC पुखराज की टुकड़ी ने भाग लिया।

गणतंत्र दिवस परेड में सिख लाइट इन्फैंट्री दस्ते भाग लिया। सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे इस रेजिमेंट के वर्तमान कर्नल हैं।

सुबह के सर्द मौसम के बीच 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' के नारों ने लोगों की रगों में देशभक्ति की जगा दी।

 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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