आधार से लिंक किए जाएंगे वोटर कार्ड, लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पारित हुआ 'चुनाव सुधार विधेयक'

Last Updated 21 Dec 2021 04:25:09 PM IST

अब आपका वोटर कार्ड भी जल्द ही आधार कार्ड से जुड़ जाएगा। सोमवार को लोकसभा से पारित हुए चुनाव कानून संशोधन विधेयक, 2021 को आज राज्यसभा ने भी पारित कर दिया।


विपक्ष के जोरदार विरोध के बीच राज्यसभा ने मंगलवार को कानून मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा पेश किए जाने के लगभग एक घंटे के भीतर चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित कर दिया। अब इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा और फिर यह कानून बन जाएगा।

विधेयक में मतदाता सूची को आधार संख्या से जोड़ने का प्रावधान रखा गया है, जिससे मतदाता पंजीकरण अधिकारी पहचान स्थापित करने के लिए मतदाता के रूप में पंजीकरण के इच्छुक आवेदकों के आधार नंबर मांग सकते हैं।

बहस का जवाब देते हुए, कानून मंत्री ने कहा, "यह एक व्यक्ति द्वारा दिए जाने वाले कई वोटों (एक ही व्यक्ति द्वारा अवैध रूप से कई बार वोट डालना) को हटा देगा और फर्जी मतदाताओं की व्यवस्था को साफ कर देगा। सरकार ने चुनाव आयोग के साथ इस मामले पर विस्तार से विचार किया है।"

रिजिजू ने कहा कि यह विधेयक देश में महत्वपूर्ण चुनावी सुधार लाएगा। उन्होंने कहा, "हम चाहते थे कि पूरा सदन बहस में भाग ले, लेकिन वे विरोध और नारेबाजी कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि देश में चुनावी प्रक्रिया को शुद्ध करने के उद्देश्य से यह विधेयक चुनाव आयोग और राज्य सरकारों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद लाया गया है।

यह कार्मिक और प्रशिक्षण, कानून और न्याय विभाग की स्थायी समिति की रिपोर्ट की सिफारिश पर आधारित है, जिसमें सभी राजनीतिक दलों के सदस्य शामिल हैं। भाजपा नेता ने कहा कि विरोध करने वाले सदस्यों ने या तो मसौदा विधेयक को नहीं पढ़ा है या जानबूझकर नए प्रावधानों से अनभिज्ञता दिखा रहे हैं।

विपक्षी नेताओं ने विधेयक को पेश करने की प्रक्रिया पर कई सवाल उठाए, जिसे सभापति ने खारिज कर दिया। कांग्रेस के आनंद शर्मा और टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि विपक्ष को विधेयक को देखने का समय नहीं मिला।

इस बीच भाजपा सांसद सुशील मोदी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि विपक्ष के दीपेंद्र हुड्डा और सुखेंदु शेखर रे समिति में मौजूद थे, लेकिन उन्होंने तो तब इसका विरोध नहीं किया, जिसे रे ने चुनौती दी थी।

जब जॉन ब्रिटास और अन्य द्वारा विधेयक को प्रवर समिति को भेजने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया, तो उन्होंने डिवीजन पर जोर दिया, जबकि उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, जो चेयर पर थे, ने कहा कि डिवीजन की मांग करने वालों को अपनी सीट पर बैठ जाना चाहिए।
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment