लोकसभा में विपक्ष ने की नागालैंड हत्या की निंदा, निष्पक्ष जांच की मांग

Last Updated 06 Dec 2021 05:00:36 PM IST

लोकसभा में विपक्षी नेताओं ने सोमवार को नागालैंड में नागरिकों की हत्या की निंदा की और मृतकों के लिए निष्पक्ष जांच और मुआवजे की मांग की। घटना की निंदा करते हुए, नागालैंड के लोकसभा सदस्य, तोखेहो येप्थोमी ने कहा कि एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी।


नागालैंड के लोकसभा सदस्य, तोखेहो येप्थोमी

नागालैंड के लोकसभा सदस्य, तोखेहो येप्थोमी ने कहा कि 25 वर्षो से नागालैंड राजनीतिक बातचीत चल रही है और लोग भी उत्सुकता से समाधान की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एएफएसपीए (सशस्त्र बल विशेष पॉवर्स एक्ट) ने सशस्त्र बलों को अंधाधुंध लोगों को मारने की शक्ति नहीं दी है।

उन्होंने मांग की कि इस मामले जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और पीड़ितों के परिवार को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए।

इस घटना की निंदा करते हुए, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मांग की है कि सरकार को एएफएसपीए को निरस्त करना चाहिए । उन्होंने कहा कि दुनिया के किसी भी देश में एएफएसपीए जैसा बर्बर कानून नहीं है। उन्होंने पूछा कि क्या मुखबिर का संबंध चीन से है?

कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई ने चार दिसंबर को काला दिवस करार देते हुए निहत्थे नागरिकों को कट्टर आतंकवादियों से अलग करने में सुरक्षा एजेंसियों की विफलता पर सवाल उठाया। उन्होंने शांति की अपील की और गृह मंत्री और रक्षा मंत्री से जांच और विस्तृत बयान की मांग की।

द्रमुक सदस्य टी.आर. बालू ने कहा कि यह निंदनीय है कि हमारे अपने सुरक्षा बलों ने हमारे ही लोगों को मारा है। बालू ने पीड़ितों के लिए उचित जांच और मुआवजे की भी मांग की।

तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय ने घटनाओं की निंदा की और गृह मंत्री से विस्तृत बयान देने का अनुरोध किया।

शिवसेना सांसद विनायक राउत ने घटना को चिंता का विषय बताते हुए पूछा कि सुरक्षा बलों तक गलत सूचना कैसे पहुंची।

राकांपा सदस्य सुप्रिया सुले ने इन घटनाओं में शहीद हुए जवान के लिए 50 लाख से एक करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों को आश्वासन दिया कि गृह मंत्री दोपहर के भोजन के बाद बयान देंगे।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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