किसानों में फूट डालना चाहती है सरकार

Last Updated 01 Dec 2021 05:31:46 AM IST

सरकार इस कोशिश में है कि पहले न सही कृषि कानूनों की वापसी के बाद तो किसान नेताओं में फूट पड़ जाए।


प्रमुख किसान नेता योगेंद्र यादव (File photo)

यही वजह है कि एमएसपी पर कमेटी के नाम और वार्ता के लिए उसने किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की बजाय पंजाब के चुनिंदा नेताओं से संपर्क किया।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी केस वापसी जैसे मुद्दों पर बात करने बुधवार को किसान नेताओं को बुलाने के लिए एसकेएम की बजाय दूसरे व्यक्तियों को माध्यम बनाया।

प्रमुख किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि एमएसपी पर वार्ता, कमेटी और हरियाणा के सीएम की बैठक की एसकेएम को कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, एसकेएम इस बारे में एक बयान भी जारी कर रहा है।

सरकार कृषि कानून वापसी को मुद्दा बनाकर पंजाब और बाकी किसानों नेताओं के बीच फूट डालने के मकसद में कुछ हद तक सफल भी दिख रही है। यही वजह है कि मंगलवार को एसकेएम की कॉआर्डिनेशन कमेटी की बैठक में किसान नेता आंदोलन समाप्त कर बॉर्डर से हटने के मुद्दे पर पूरी तरह बंटे नजर आए।

आंदोलन समाप्त करने के पैरोकार प्रमुख किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल इस बैठक में शामिल ही नहीं हुए। वहीं किसान एकता के लिए प्रयासरत किसान नेता बैठक में काफी असहाय नजर आए।

उन्होंने पंजाब के नेताओं को समझाया कि आंदोलन समाप्त करने या बॉर्डर से हटने का फैसला कुछेक संगठनों की बजाय सामूहिक रूप से लेना ही श्रेयस्कर रहेगा।

किसान नेता बॉर्डर से हटने के लिए इस पर भी राजी हैं कि सरकार आंदोलनकारी किसानों के केस वापस ले ले और मारे गए किसानों को मुआवजा दे दे। इन दोनों मुद्दों पर सरकार ने पंजाब के किसान नेताओं को परोक्ष रूप से कुछ संदेश भी भिजवाए हैं लेकिन ज्यादातर किसानों की पीड़ा यह है कि सरकार औपचारिक रूप से कोई संदेश क्यों नहीं भिजवा रही है।

इधर पंजाब के किसान नेताओं ने अपनी अलग बैठक फिर से की। इसमें भी बॉर्डर वाले आंदोलन को समाप्त करने के स्वर ही उभरे। पंजाब के किसान नेताओं की बैठक की वजह से एसकेएम की कॉओर्डिनेशन कमेटी की बैठक को भी जल्द समाप्त करने की बात पंजाब के नेताओं ने कही। 4 दिसम्बर की एसकेएम की जनरल बॉडी की बैठक में हंगामा हो सकता है।

एकता कायम रखने के लिए  एसकेएम की कॉओर्डिनेशन कमेटी की बुधवार को दोपहर 12 बजे फिर बैठक बुलाई गई है। प्रमुख किसान नेता हनान मुल्ला ने भी कहा, आंदोलन का स्वरूप निश्चित तौर पर बदला जाएगा। 4 दिसम्बर को जनरल बॉडी की बैठक में सबकी सहमति से इसे आकार दिया जाएगा।
 

अजय तिवारी/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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