किसानों ने कहा, हमारा आंदोलन जारी रहेगा
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में आंदोलन को आगे जारी रखने का निर्णय लिया गया है और 27 नवम्बर की बैठक में आगे की रणनीति का फैसला लिया जाएगा।
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भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के अध्यक्ष बलवीर सिंह राजेवाल ने सिंघु बॉर्डर पर बैठक खत्म होने के बाद संवाददाता सम्मेलन में बताया कि तीन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की घोषणा पर चर्चा के बाद कुछ फैसले लिए गए, जिसमें 27 नवम्बर को मोच्रे की अगली बैठक में आंदोलन के अगले कदम के बारे में फ़ैसला किया जाएगा।
इसके साथ ही पूर्व निर्धारित कार्यक्रम जारी रहेग़ा जिसमें 22 नवम्बर को लखनऊ में किसान महापंचायत और 29 नवम्बर को किसानों का संसद मार्च शामिल है।
उन्होंने कहा कि जब तक संसद में इन कानूनों को औपचारिक रूप से रद्द नहीं किया जाता और एमएसपी की कानूनी गारंटी और विद्युत संशोधन विधेयक वापस लेने समेत अन्य मांगें नहीं मान ली जाती हैं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
लखनऊ में महापंचायत आज
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने लखनऊ में सोमवार को किसान महापंचायत बुलाई है, जिसमें एसकेएम आगे की रणनीति पर विचार करेगा। इसके बाद 26 नवम्बर को गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की बैठक होगी।
कृषि कानूनों को वापस लेने के विधेयकों को मंजूरी बुधवार को!
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के विधेयकों को बुधवार को मंजूरी देने की संभावना है। सरकार के सूत्रों ने यह जानकारी दी। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद इन विधेयकों को संसद के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुरु पर्व के मौके पर राष्ट्रहित में कानूनों को वापस लेने की सरकार की मंशा की घोषणा की थी।
संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा।
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