Bharat Band: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का भारत बंद आज, विपक्षी दलों का समर्थन, प्रशासन अलर्ट

Last Updated 27 Sep 2021 10:34:38 AM IST

केंद्र के तीन कृषि कानूनों को पारित होने के एक साल पूरे होने पर सोमवार को आहूत भारत बंद के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी के आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।


भारत बंद: दिल्ली में सुरक्षा बढ़ाई गई

संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत बंद का आह्वान करते हुए कहा कि कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए उनके 'ऐतिहासिक संघर्ष' ने आज 10 महिने पूरे कर लिए।

किसान संगठनों के अनुसार, सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक, पूरे देश में सब कुछ बंद रहेगा चाहे वह सरकारी और निजी कार्यालय हों, सभी शैक्षणिक और अन्य संस्थान, सभी दुकानें, उद्योग और व्यावसायिक प्रतिष्ठान, सभी सार्वजनिक कार्यक्रम और इवेंट बंद रहेंगे।

एसकेएम ने कहा कि इस अवधि के दौरान सार्वजनिक और निजी परिवहन भी बंद रहेंगे , हालांकि, प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली मेट्रो सहित सार्वजनिक परिवहन सामान्य रूप से चल रहे थे।


कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के "भारत बंद" का सोमवार को समर्थन किया और कहा कि किसानों का अहिंसक सत्याग्रह अखंड है।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि तीन कृषि कानूनों के वापस लिए जाने तक वह अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने किसानों के भारत बंद का समर्थन किया है।

गांधी ने ट्वीट किया, "किसानों का अहिंसक सत्याग्रह आज भी अखंड है,लेकिन शोषण करने वाली सरकार को ये नहीं पसंद है, इसलिए आज भारत बंद है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने तीनों सीमा बिंदुओं - टिकरी, सिंघू और शंभू के पास सुरक्षा बढ़ा दी है, जहां किसान पिछले 10 महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

26 जनवरी को लाल किले की गंभीर हिंसा की घटना को देखते हुए इस बार पुलिस बल अधिक सतर्क दिखाई दे रहा है।

इस बीच, दिल्ली यातायात के एक अधिकारी ने कहा कि विरोध के कारण उत्तर प्रदेश से गाजीपुर सीमा की ओर यातायात बंद कर दिया गया। किसानों को बड़ी संख्या में सड़क पर बैठे और कृषि कानूनों के खिलाफ नारे लगाते हुए देखा जा सकता है।

भारत बंद की यूपी में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने समर्थन दिया है। जबकि बंदी को लेकर उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल सपा ने ट्वीट के माध्यम से लिखा ,"भाजपा सरकार के काले कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित किसानों द्वारा कल बुलाए गए भारत बंद का समाजवादी पार्टी पूर्ण समर्थन करती है। किसान विरोधी काले कानूनों को वापस ले सरकार।"

बसपा प्रमुख मायावती ने भी ट्वीट कर आज को होने वाले किसानों के भारत बंद को समर्थन देने का एलान किया।

उन्होंने ट्वीट किया, "केंद्र द्वारा जल्दबाजी में बनाए गए तीन कृषि कानूनों से असहमत व दुखी देश के किसान इनकी वापसी की मांग को लेकर लगभग 10 महीने से पूरे देश व खासकर दिल्ली के आसपास के राज्यों में तीव्र आन्दोलित हैं व कल (सोमवार) 'भारत बंद' का आह्वान किया है जिसके शांतिपूर्ण आयोजन को बसपा का समर्थन।"

उन्होंने आगे कहा कि साथ ही, केन्द्र सरकार से भी पुन: अपील है कि किसान समाज के प्रति उचित सहानुभूति व संवेदनशीलता दिखाते हुए तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस ले तथा आगे उचित सलाह-मशविरा व इनकी सहमति से नया कानून लाए ताकि इस समस्या का समाधान हो।

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने केंद्र से ‘‘किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने’’ का आग्रह किया है। चन्नी ने ट्वीट किया, ‘‘मैं किसानों के साथ खड़ा हूं और केंद्र सरकार से किसान विरोधी तीन कानूनों को निरस्त करने की अपील करता हूं। हमारे किसान एक साल से अधिक समय से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं और अब समय आ गया है कि उनकी आवाज सुनी जाए। मैं किसानों से शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज उठाने का अनुरोध करता हूं।’’

कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) भारत बंद के लिए किसान यूनियन के साथ है। सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘‘पीपीसीसी 27 सितंबर 2021 को किसान यूनियनों के भारत बंद के आह्वान पर उनके साथ मजबूती से खड़ी है। सही और गलत की जंग में आप तटस्थ नहीं रह सकते। हम कांग्रेस के हर कार्यकर्ता से असंवैधानिक तीन काले कानूनों के खिलाफ अपनी पूरी ताकत से लड़ने का आग्रह करते हैं।’’

गाजीपुर बार्डर पर यातायात ठप

केंद्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में आहूत भारत बंद के दौरान सैकड़ों किसानों ने सोमवार को गाजीपुर सीमा पर विरोध किया और कानूनों को निरस्त करने की मांग की। अधिकांश प्रदर्शनकारियों ने न्यूज एजेंसी से कहा कि वे पिछले 10 महीनों से दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर में बैठे हैं।

मेरठ के 52 वर्षीय सूबा सिंह ने कहा कि मैं अन्य किसानों के साथ यहां बैठा हूं और हम तब तक नहीं हिलेंगे जब तक मोदी सरकार द्वारा इन तीन कानूनों को वापस नहीं लिया जाता।

एक अन्य किसान, उत्तर प्रदेश के मैनपुरी निवासी किशन पाल ने कहा कि आज, भारत में किसान, मजदूर और व्यापारी पीड़ित हैं। यह बिल ला कर हम सभी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धोखा दिया है।

पंजाब, हरियाणा में सैकड़ों किसानों ने हाईवे जाम किया

केंद्रीय कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग को लेकर देशव्यापी आह्वान के बाद सोमवार को सैकड़ों किसानों ने दिल्ली को हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 1 सहित प्रमुख राजमार्गो को अवरुद्ध कर दिया है। पंजाब और हरियाणा में यातायात बुरी तरह प्रभावित होने और कई घंटों तक बाधित होने की संभावना है क्योंकि किसान, खेत मजदूर, कमीशन एजेंट, ट्रेड और कर्मचारी संघ और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता शाम 4 बजे तक राष्ट्रीय राजमार्गों पर बैठे रहेंगे।

प्रदर्शनकारी किसानों ने अपने ट्रैक्टर पंजाब और हरियाणा के राजमार्गों और प्रमुख लिंक सड़कों पर खड़े कर दिए हैं और सड़कों पर बैठ गए हैं।

किसानों के विरोध को देखते हुए कानून और अन्य व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरियाणा और पंजाब में विभिन्न स्थानों पर भारी पुलिस बल देखा जा सकता है।

पुलिस ने कई जगहों पर ट्रैफिक डायवर्ट किया, क्योंकि किसानों ने हाईवे जाम कर दिया है। हालांकि, राज्यों में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं मिली है। आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को बंद से छूट दी गई है।


'भारत बंद' के मद्देनजर हरियाणा पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि राज्य में लोगों को ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ सकता है।

एसकेएम ने राजनीतिक दलों से भी ‘‘लोकतंत्र और संघवाद के सिद्धांतों की रक्षा के लिए किसानों के साथ खड़े होने’’ की अपील की। एसकेएम ने एक बयान में कहा, ‘‘इस ऐतिहासिक संघर्ष के 10 महीने पूरे होने पर एसकेएम ने किसान विरोधी केंद्र सरकार के खिलाफ सोमवार (27 सितंबर) को भारत बंद का आह्वान किया है।’’

बयान में कहा गया है, ‘‘एसकेएम प्रत्येक भारतीय से इस राष्ट्रव्यापी आंदोलन में शामिल होने और भारत बंद को सफल बनाने की अपील करता है। विशेष रूप से हम श्रमिकों, व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, छात्रों, युवाओं और महिलाओं के सभी संगठनों और सामाजिक आंदोलन से जुड़े सभी लोगों से अपील करते हैं कि वे भारत बंद के दिन किसानों के प्रति एकजुटता दिखाएं।’’

इस बयान में कहा गया है कि बंद सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक होगा, इस दौरान पूरे देश में सभी सरकारी और निजी कार्यालय, शैक्षणिक और अन्य संस्थान, दुकानें, उद्योग और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान के साथ-साथ सार्वजनिक कार्यक्रम बंद रहेंगे। बहरहाल बंद से अस्पताल, मेडिकल स्टोर, राहत और बचाव कार्य सहित सभी आपातकालीन प्रतिष्ठानों और आवश्यक सेवाओं एवं निजी आपात स्थितियों से संबद्ध लोगों को छूट दी जाएगी।

देश के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्हें डर है कि इन कानूनों के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को खत्म कर दिया जाएगा और उन्हें बड़ी कंपनियों की दया पर छोड़ दिया जाएगा।

हालांकि, केंद्र सरकार इन तीन कानूनों को प्रमुख कृषि सुधारों के रूप में पेश कर रही है। दोनों पक्षों के बीच हुई 10 दौर से अधिक की बातचीत भी गतिरोध को तोड़ने में नाकाम रही है।

 

आईएएनएस/भाषा
नई दिल्ली


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