सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई की मूल्यांकन स्कीम को सही ठहराया, याचिकाएं रद्द कीं

Last Updated 23 Jun 2021 10:05:55 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सीबीएसई और सीआईसीएसई के 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया और छात्रों के मूल्यांकन के लिए बोर्ड द्वारा प्रस्तावित मूल्यांकन योजनाओं को भी मंजूरी दे दी।


सुप्रीम कोर्ट

न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी ने कहा, हमारा मानना है कि सीबीएसई और आईसीएसई द्वारा प्रस्तावित योजना में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसने सभी छात्रों की चिंताओं को ध्यान में रखा है।

अदालत ने नोट किया कि बोडरें ने उच्चतम स्तर पर एक सचेत निर्णय लिया है और उन्होंने व्यापक जनहित को भी ध्यान में रखा है। पीठ ने बोर्ड के निर्णय के खिलाफ दायर याचिका का खारिज करते हुए कहा कि वह इस पर निर्णय लेने नहीं जा रहे हैं।

पीठ ने कहा कि यदि अन्य बोडरें ने परीक्षा आयोजित की है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि इससे पहले के बोर्ड - सीबीएसई और आईसीएसई - ऐसा करने के लिए बाध्य हैं। पीठ ने कहा, ये बोर्ड स्वतंत्र बोर्ड हैं। उन्होंने परीक्षा रद्द करने का फैसला किया है, जो उनके अनुसार छात्रों के व्यापक जनहित में है।

शीर्ष अदालत ने परीक्षा रद्द होने के बाद कक्षा 12वीं के छात्रों के मूल्यांकन के लिए सीबीएसई और आईसीएसई द्वारा तैयार की गई मूल्यांकन नीतियों के लिए सभी चुनौतियों को खारिज कर दिया।

शीर्ष अदालत ने केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे महान्यायवादी की दलील को बरकरार रखा कि योजनाएं विशेषज्ञ निकाय द्वारा तैयार की गई हैं। पीठ ने कहा कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखा गया और योजना के निर्माण के संबंध में निर्णय समग्र दृष्टिकोण के साथ लिया गया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई उम्मीदवार पूर्वाग्रह से ग्रसित न हो।

अदालत ने कहा, "हम बोर्ड द्वारा तैयार की गई योजना को बनाए रखेंगे, जो स्वतंत्र बोर्ड हैं और उनके द्वारा आयोजित परीक्षाओं के संबंध में उन्हें निर्णय लेने के हकदार हैं।"

शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील की इस दलील को स्वीकार करना संभव नहीं है कि चूंकि अन्य संस्थान परीक्षा आयोजित करने में सक्षम हैं, इसलिए सीबीएसई और आईसीएसई भी परीक्षा आयोजित कर सकते हैं।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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