आगरा का पारस अस्पताल सील, शिफ्ट किए जाएंगे मरीज
आगरा के पारस अस्पताल को कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी के कारण 22 मरीजों की मौत के बाद सील किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने मंगलवार दोपहर जांच के बाद यह फैसला लिया है।
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जिलाधिकारी प्रभु एन. सिंह ने कहा कि अस्पताल के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। अस्पताल में 55 मरीज भर्ती हैं, जिन्हें मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) की टीम द्वारा दूसरी चिकित्सा सुविधा में स्थानांतरित किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि अस्पताल में हुई सभी मौतों का अलग से सीएमओ की टीम द्वारा ऑडिट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो में टिप्पणियों से आम जनता में डर फैल गया है। उन्होंने कहा कि महामारी में यह कृत्य अच्छा नहीं है।
उधर, अस्पताल प्रबंधन ने इस बात से इनकार किया कि ऑक्सीजन रोकने के लिए कोई मॉक ड्रिल की गई थी।
इस बीच, मंगलवार दोपहर को जारी एक बयान में पारस हेल्थकेयर ने आगे स्पष्ट किया है कि श्री पारस अस्पताल, जो कि आगरा शहर का एक स्थानीय अस्पताल है, का पारस अस्पताल समूह से किसी भी तरह का कोई संबंध नहीं है।
बयान में कहा गया है कि मीडिया रिपोटरें ने अस्पताल को श्री पारस अस्पताल के बजाय पारस अस्पताल के रूप में संदर्भित किया है, जो अनावश्यक रूप से प्रतिष्ठित स्वास्थ्य समूह की छवि पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।
अस्पताल की चूक को उजागर करने वाला मामला मंगलवार को एक वीडियो वायरल होने के बाद सामने आया, जिसमें अस्पताल के मालिक को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि यह एक मॉक ड्रिल है।
कथित वीडियो में एक डॉक्टर यह स्वीकार करता है कि मॉक ड्रिल के दौरान पांच मिनट के लिए ऑक्सीजन बंद करने से 22 लोगों की मौत हो गई।
इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मौतों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने ट्विटर पर लिखा, भाजपा शासन में ऑक्सीजन व मानवता दोनों की भारी कमी है। इस खतरनाक अपराध के जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। दुख की इस घड़ी में मृतकों के परिवारजनों को मेरी संवेदनाएं।
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