केंद्रीय मंत्रियों ने कृषि कानूनों पर गतिरोध समाप्त करने के लिए किसान प्रतिनिधियों से की मुलाकात
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों से शनिवार को कहा कि सरकार सौहार्दपूर्ण बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
केंद्रीय मंत्रियों ने किसान प्रतिनिधियों से मुलाकात की |
सूत्रों ने कहा कि 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ पांचवें दौर की वार्ता में अपने प्रारंभिक वक्तव्य में तोमर ने नये कृषि कानूनों पर प्रतिक्रिया का स्वागत भी किया। सरकार और प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के बीच बातचीत यहां विज्ञान भवन में अपराह्न करीब 2.30 बजे शुरू हुई।
तोमर समेत तीन केंद्रीय मंत्री इस समय किसान नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं। रेल, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश भी बैठक में मौजूद हैं। सोम प्रकाश पंजाब से सांसद हैं।
सूत्रों के अनुसार केंद्र की ओर से वार्ता की अगुवाई कर रहे तोमर ने अपने आरंभिक वक्तव्य में कहा कि सरकार किसान नेताओं के साथ सौहार्दपूर्ण बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है और किसानों की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहती।
कृषि मंत्री ने तीनों नये कृषि कानूनों पर प्रतिक्रियाओं का स्वागत किया।
During 5th round of talks at Vigyan Bhawan, farmers' representatives asked the Central Govt to give a pointwise written reply of the last meeting, to which the govt has agreed https://t.co/EzZgHcoHTr
— ANI (@ANI) December 5, 2020
इससे पहले किसानों ने आठ दिसंबर को ‘भारत बंद’ का एलान किया है और चेतावनी दी कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो वे राष्ट्रीय राजधानी की तरफ जाने वाली और सड़कों को बंद कर देंगे।
केंद्रीय मंत्रियों और हजारों प्रदर्शनकारी किसानों के एक प्रतिनिधि समूह के बीच गुरूवार को हुई बातचीत बेनतीजा रही थी। इसमें किसान नेता तीनों कानूनों को वापस लिये जाने की मांग पर अड़े रहे।
किसान नेताओं ने बृहस्पतिवार को मंत्रियों के साथ लगभग आठ घंटे तक चली गहन बातचीत के दौरान सरकार की ओर से भोजन, चाय और पानी की पेशकश को भी ठुकरा दिया था।
बैठक स्थल से बाहर ‘इंडियन टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन’ (आईटीटीए) के कर्मचारियों को ‘हम किसानों का समर्थन करते हैं’ लिखे बैनर लहराते और नारे लगाते हुए देखा गया। इस संगठन ने प्रदर्शनकारी किसानों की आवाजाही के लिए वाहनों की सुविधा प्रदान की है।
आईआईटीए के अध्यक्ष सतीश सहरावत ने कहा, ‘‘मैं किसान परिवार से ताल्लुक रखता हूं। मैं उनकी आशंकाओं को समझ सकता हूं। हमारे महिपालपुर में खेत थे और अब आप वहां टी-3 टर्मिनल देख रहे हैं। हम प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन कर रहे हैं।’’
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) राजेवाल के प्रदेश महासचिव ओंकारंिसह अगोल ने कहा, ‘‘हमारी मांग वही है कि सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए। हम चाहते हैं कि कानून के तहत एमएसपी की गारंटी हो।’’ उन्होंने विद्युत संशोधन कानून और पराली जलाने पर लाये गये अध्यादेश को भी रद्द करने की मांग की।
सूत्रों ने बताया कि प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के साथ महत्वपूर्ण बैठक से पहले राजनाथ सिंह और अमित शाह समेत केंद्रीय मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और प्रदर्शन कर रहे समूहों के सामने रखे जाने वाले संभावित प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया।
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात में तोमर और गोयल भी उपस्थित थे। इससे पहले राजनाथ सिंह और अमित शाह ने केंद्रीय मंत्रियों के साथ इस विषय पर चर्चा की।
सूत्रों ने कहा कि किसानों के आंदोलन को समाप्त करने के केंद्र के प्रयासों में अहम भूमिका निभा रहे केंद्रीय मंत्रियों के साथ बातचीत के प्रधानमंत्री के फैसले से नजर आता है कि वह इस संकट को समाप्त किये जाने को कितना महत्व दे रहे हैं। इस मुद्दे पर पहली बार मोदी ने अपने मंत्रियों के साथ बातचीत की है।
किसानों ने आठ दिसंबर को ‘भारत बंद’ की घोषणा की है और चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती तो आंदोलन तेज किया जाएगा तथा राष्ट्रीय राजधानी आने वाले और मागरें को अवरुद्ध कर दिया
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