हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी अनुसंधान और मछुआरों के जहाजों ने सुरक्षा चिंता बढ़ाई

Last Updated 01 Dec 2020 12:31:25 AM IST

भारत का मानना है कि हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी अनुसंधान जहाजों और मछली पकड़ने वाले जहाजों का चलन बढ़ रहा है, जिससे समुद्र में देशों के लिए सुरक्षा चिंता बढ़ रही है।


हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी अनुसंधान और मछुआरों के जहाजों ने सुरक्षा चिंता बढ़ाई

चीन के मछली पकड़ने वाले जहाज हिंद महासागर क्षेत्र में देश के बढ़ते पदचिह्न् का संकेत देते हैं, वहीं इसके अनुसंधान जहाजों ने सुरक्षा चिंताएं बढ़ा दी हैं, क्योंकि वे पनडुब्बी युद्ध की क्षमताओं में सुधार के लिए समुद्र के पानी की विशेषताओं का सर्वेक्षण कर सकते हैं।

सरकार के एक सूत्र ने कहा, "हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी अनुसंधान जहाजों की तैनाती में लगातार वृद्धि हुई है। तैनाती का सामान्य क्षेत्र 90 डिग्री पूर्वी रिज और दक्षिण-पश्चिम भारतीय रिज में देखा गया है।"

सूत्र ने यह भी कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में गहरे समुद्र में चीनी मत्स्य पालन वेसल्स की प्रवृत्ति भी बढ़ी है। हर साल पहले जहां लगभग 300 चीनी मछली पकड़ने वाले जहाज रवाना होते थे, मगर पिछले साल लगभग 450 ऐसे जहाज रवाना किया गए।



सूत्र ने कहा, "मछली पकड़ने की गतिविधि में एक मौसमी व्यवहार होता है, जिसमें मानसून की शुरुआत से पहले और सितंबर व अक्टूबर के समय अरब सागर में मछली पकड़ने के जहाज जाते हैं।"

केंद्रीय अरब सागर और दक्षिण पश्चिम हिंद महासागर में चीनी मछली पकड़ने की गतिविधियों की लगातार इजाफा देखा गया है।

यह भी देखा गया है कि चीनी नौसेना के जहाज अपनी पनडुब्बियों सहित अक्सर समुद्री डकैती रोधी अभियानों के बहाने समुद्री में उतरते हैं।

भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों से अवगत है, क्योंकि वह अपने नौसैनिक अभियानों का विस्तार कर रही है।

इसके अलावा चीन वैश्विक शक्ति बनने के अपने लक्ष्य के अनुरूप चलते हुए हथियारों के साथ अन्य संसाधनों को नौसेना में स्थानांतरित कर रहा है।

पिछले साल सितंबर में, एक चीनी पोत को भारतीय जलक्षेत्र के करीब देखा गया था और यह संदेह जताया गया था कि यह एक जासूसी मिशन था।

सूत्रों ने बताया कि हिंद महासागर क्षेत्र में गहरे समुद्र में खनन के लिए या फिर सर्वेक्षण क्षेत्रों में पनडुब्बियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पानी की विशेषताओं का अध्ययन करने के लिए ये शोध पोत आते हैं।

इन जहाजों को स्वचालित पहचान प्रणाली (एआईएस) द्वारा ट्रैक किया जाता है, जिसे इनमें फिट किया जाता है।

हालांकि भारतीय नौसेना पूरी तरह से सतर्क और सजग है और वह क्षेत्र में प्रवेश करने वाले प्रत्येक चीनी पोत पर नजर रख रही है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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