किसानों को मिली दिल्ली में एंट्री की इजाजत, बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में होगा विरोध प्रदर्शन
नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा के आंदोलनरत किसानों को दिल्ली आने की अनुमति मिल गई है। बुरारी में निरंकारी मैदान पर किसान अपना विरोध जारी रख सकेंगे।
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घंटों के संघर्ष और किसानों के साथ बातचीत के बाद दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति दे दी। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों को दिल्ली के बुरारी में निरंकारी मैदान में ले जाया जाएगा।
ईश सिंघल पीआरओ दिल्ली पुलिस ने कहा, किसान नेताओं के साथ चर्चा के बाद, प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली के अंदर बुरारी के निरंकारी मैदान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई है। दिल्ली पुलिस उनसे शांति बनाए रखने की अपील करती है।
Delhi: Farmers enter the national capital through the Tikri border after being given permission to hold their demonstrations at the Nirankari Samagam Ground in the Burari area#DelhiChalo pic.twitter.com/Oy4JcVj6lV
— ANI (@ANI) November 27, 2020
आंदोलनकारी किसानों का इससे पहले दिल्ली-हरियाणा सीमा पर पुलिस के साथ झड़प हुई जिसके बाद हल्के लाठीचार्ज किए गए। सिंघू और टिकरी सीमाओं से किसानों को खदेड़ने के लिए पानी की बौछारें की गई और आंसू गैस के गोले दागे गए।
विरोध के चलते सिंघू सीमा, टिकरी सीमा और दिल्ली-गुरुग्राम सीमा पर बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम लग गया।
दिल्ली पुलिस हरियाणा की सीमाओं से प्रदर्शनकारी किसानों को बुरारी ले जाने के लिए उचित व्यवस्था करेगी।
छह राज्यों - पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान और केरल के कुछ 500 किसान संगठनों ने केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लागू कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति देने के केन्द्र के फैसले का स्वागत किया है।
उन्होंने आज यहां एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने बेशक किसानों को रोष प्रकट करने के अपने लोकतांत्रिक हक के लिए राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने की अनुमति दे दी है लेकिन हरियाणा सरकार दिल्ली कूच कर रहे किसानों के विरुद्ध टकराव की स्थिति बरकरार रखे है।
उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री से सवालिया लहजे में कहा कि किसानों के खिलाफ ऐसे सख्त कदम उठाने की कोई ज़रूरत नहीं है। भोले-भाले किसानों के साथ हरियाणा सरकार का यह रवैया निंदनीय है। पिछले तीन महीनों से रोष प्रदर्शन कर रहे किसानों ने किसी भी सार्वजनिक जायदाद को नुकसान नहीं पहुँचाया लेकिन हरियाणा सरकार ने लोगों के पैसों से बनी सडक़ों पर गड्ढे खोद दिए।
कैप्टन सिंह ने केन्द्र से किसानों से बातचीत तुरंत शुरू कर इस ज्वलंत मुद्दे को हल करने की अपील की।
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