कोरोना पर पीएम मोदी ने की मुख्यमंत्रियों संग बैठक, कहा- वैक्सीन पर राज्य अपने सुझाव लिखित में दें
प्रधानमंत्री मोदी ने आज कहा कि सरकार कोविड वैक्सीन विकसित किये जाने की प्रक्रिया पर कड़ी नजर रख रही है और सभी देशवासियों को इसे आसानी से उपलब्ध कराना उसकी प्राथमिकता है।
![]() कोरोना पर मोदी की बैठक |
उन्होंने कहा कि जिस तरह कोविड के खिलाफ अभियान में हर जान को बचाना सरकार की प्राथमिकता रही है वहीं अब भी उसका जोर वैक्सीन उपलब्ध कराकर हर व्यक्ति का जीवन बचाने पर रहेगा। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभावों को लेकर अफवाह फैलायी जा सकती हैं इसलिए सरकारी मशीनरी और अन्य सभी को मिलकर लोगों को वास्तविक स्थिति के प्रति जागरूक करना होगा।
विभिन्न राज्यों में कोविड संक्रमण बढने के मद्देनजर मोदी ने ज्यादा प्रभावित आठ राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ आज वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से बैठक की। बैठक में कोविड संक्रमण की स्थिति, उससे निपटने की तैयारियों तथा प्रबंधन पर विशेष रूप से चर्चा की गयी। साथ ही वैक्सीन की आपूर्ति , वितरण और उसे लोगों को देने जैसे मुद्दों पर भी विस्तार से बातचीत हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मुख्यमंत्रियों से कोविड-19 रणनीति संबंधी फीडबैक लिखित में साझा करने का आह्वान किया, कहा- कोई भी अपना विचार थोप नहीं सकता और सभी को मिलकर काम करना होगा। मोदी ने कहा कि चिकित्सा महाविद्यालयों और जिला अस्पतालों में पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति की कोशिश की जा रही है, पीएम केयर्स कोष का इस्तेमाल वेंटिलेटर की आपूर्ति के लिए किया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार वैक्सीन विकसित किये जाने की प्रक्रिया पर कड़ी नजर रख रही है और वह इस सिलसिले में भारतीय कंपनियों के साथ साथ वैश्विक नियामकों, अन्य देशों, बहुपक्षीय संस्थानों तथा अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों से भी संपर्क बनाये हुए है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जायेगा कि वैक्सीन सभी वैज्ञानिक मापदंडों की कसौटियों पर खरी उतरे। सरकार की प्राथमिकता शुरू से ही हर व्यक्ति की जान बचाने की है और उसका जोर इस बात पर रहेगा कि वैक्सीन की पहुंच हर नागरिक तक बने।
उन्होंने कहा कि सरकारों को सभी स्तर पर मिलकर काम करना होगा जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि वैक्सीन अभियान सुगम, व्यवस्थित तथा निरंतर बने।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैक्सीन के बारे में राज्यों के साथ मिलकर प्राथमिकता तय की जा रही है। उनके साथ अतिरिक्त शीत भंडारों के बारे में भी बात की गयी है। उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा कि वे बेहतर परिणामों के लिए राज्य स्तरीय संचालन समिति और राज्य एवं जिला स्तर कार्य बलों की नियमित निगरानी सुनिश्चित करें।
मोदी ने राज्यों को आगाह किया कि वैक्सीन के बारे में कई तरह की अफवाह फैलायी जा रही हैं और इसके प्रतिकूल प्रभावों को लेकर आगे भी अफवाह फैलायी जा सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह की अफवाहों पर जागरूकता फैलाकर अंकुश लगाना जरूरी है। इसमें नागरिक समाज, एनसीसी और एनएसएस के छात्रों तथा मीडिया की मदद ली जा सकती है।
कोविड संक्रमण की स्थिति पर उन्होंने कहा कि देश ने इसका हिम्मत तथा निरंतर प्रयासों के साथ मुकाबला किया और स्वस्थ होने तथा मृत्यु दर के मामले में भारत की स्थिति ज्यादातर देशों से अच्छी है। उन्होंने जांच तथा उपचार नेटवर्क का दायरा बढाये जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री केयर्स फंड से अस्पतालों में आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया जा रहा है। इसके साथ ही अस्पतालों तथा मेडिकल कॉलेजों को ऑक्सीजन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के भी प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में 160 नये ऑक्सीजन संयंत्र लगाये जाने की प्रक्रिया चल रही है।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से संक्रमण दर पांच प्रतिशत से कम और मृत्युदर एक प्रतिशत से नीचे लाने के लिए काम करने को कहा, आरटी-पीसीआर जांच बढाने का भी आह्वान किया।
इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हषर्वर्धन के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बधेल और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री मोदी कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के लिए अब तक कई बार राज्यों के साथ बैठकें कर चुके हैं।
केजरीवाल ने सरकार से मांगा 1000 आईसीयू बेड का आरक्षण
सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से कहा कि तीसरी लहर में 10 नवंबर को दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 8,600 नए मामले सामने आए थे और उसके बाद से संक्रमण के मामलों की संख्या तथा संक्रमण की दर दोनों में तेजी से कमी आ रही है। केजरीवाल ने पीएम मोदी से कहा कि कोविड की तीसरी लहर का इतना असर कई कारणों की वजह से पड़ा, जिनमें से सबसे अधिक प्रदूषण जिम्मेदार है। उन्होंने हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया, ताकि पड़ोसी राज्यों में जलने वाली पराली के कारण होने वाले प्रदूषण से निजात पायी जा सके।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ बैठक में केजरीवाल ने अनुरोध किया कि जब तक शहर में संक्रमण की तीसरी लहर का कहर जारी है तब तक दिल्ली स्थित केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए अतिरिक्त एक हजार आईसीयू बिस्तर आरक्षित किए जाएं।
देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले पिछले कुछ दिनों से 50,000 के नीचे आ रहे हैं, वहीं कुछ राज्यों में मामले तेजी से बढे हैं। कुछ शहरों में तो रात का कर्फ्यू भी लगाया गया है।
केंद्र की ओर से लगातार यह प्रयास भी हो रहे हैं कि जब भी कोरोना का टीका उपलब्ध होगा, उसके सुचारू वितरण की व्यवस्था हो सके।
भारत में फिलहाल पांच वैक्सीन तैयार होने की दिशा में आगे बढ रहे हैं। इनमें से चार परीक्षण के दूसरे या तीसरे चरण में हैं जबकि एक पहले या दूसरे चरण में है।
मंगलवार को देश में एक दिन में कोविड-19 के 37,975 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढकर 91.77 लाख के पार चले गए, जिनमें से 86 लाख से अधिक लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे अद्यतन किये गये आंकड़ों के अनुसार देश में संक्रमण के कुल 91,77,840 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं 480 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढकर 1,34,218 हो गई।
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