Cyclone Nivar: तमिलनाडु और पुडुचेरी की तरफ तेजी से बढ़ रहा चक्रवात 'निवार', पीएम मोदी ने की मुख्यमंत्रियों से बात
बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान ‘निवार’ में परिवर्तित चुका है। पीएम मोदी ने आज सीए पलानीस्वामी और नारायणसामी से बात कर चक्रवात ‘निवार’ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की।
![]() मोदी ने चक्रवात ‘निवार’ से निपटने की तैयारियों पर की चर्चा (फाइल फोटो) |
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी से बात कर उन्हें केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘चक्रवात निवार के मद्देनजर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी से बात की। उन्हें केंद्र से हरसंभव मदद का भरोसा दिया। प्रभावित क्षेत्रों में रहने वालों की सुरक्षा और कुशलक्षेम की कामना करता हूं।’’
Spoke to Tamil Nadu CM Shri @EPSTamilNadu and Puducherry CM Shri @VNarayanasami regarding the situation in the wake of Cyclone Nivar. Assured all possible support from the Centre. I pray for the safety and well-being of those living in the affected areas.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 24, 2020
मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार को बताया कि तूफान बुधवार को तमिलनाडु और पुडुचेरी के तट से टकरा सकता है। विभाग ने कहा कि बुधवार को तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के ज्यादातर हिस्सों में बारिश हो सकती है। कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश भी हो सकती है।
अधिकारियों ने बताया कि यहां चेम्बरमबक्कम समेत कई जलाशयों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और निचले स्थानों पर रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगह पर ले जाया जा रहा है।
बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पश्चिमी हिस्से के ऊपर निर्मित हुआ गहरे दबाव का क्षेत्र पश्चिम-उत्तर की ओर बढ़ा और चक्रवाती तूफान ‘निवार’ में तब्दील हो गया। यह पुडुचेरी से 410 किलोमीटर और यहां से 450 किलोमीटर दूर स्थित है।
अगले 24 घंटे में चक्रवाती तूफान के और विकराल रूप धरने की आशंका है। अगले 12 घंटे में इसके पश्चिम-उत्तर की ओर बढ़ने और इसके बाद उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ने की प्रबलआशंका है।
एक बुलेटिन में बताया गया कि तूफान, 25 नवंबर की शाम को कराईकल और मामल्लापुरम के बीच तमिलनाडु और पुडुचेरी के तट से टकरा सकता है। इसके साथ ही 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से हवा चलने की आशंका है।
मछुआरों कोसमुद्र में न जाने की पहले ही हिदायत कर दी गई है।
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