प्रधानमंत्री मोदी ने संसद सदस्यों के लिए बहुमंजिला फ्लैटों का उद्घाटन किया

Last Updated 23 Nov 2020 12:02:49 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को राजधानी दिल्ली में संसद सदस्यों के लिए डॉ बीडी मार्ग पर बनाए गए बहुमंजिला फ्लैटों का उद्घाटन किया।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस उद्घाटन समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और संसद की आवास समिति के अध्यक्ष सी आर पाटिल भी शामिल हुए। बिरला ने 2017 में इस परियोजना का शिलान्यास किया गया था। बिरला ने बताया कि इसके निर्माण में 27 माह लगे और इसमें कुल लागत 188 करोड रुपये की आई। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में अनुमानित लागत से 30 करोड़ की बचत की गई।

उन्होंने कहा कि लोकसभा के गठन के बाद सांसदों के आवास की अक्सर दिक्कतें आया करती थी और उन्हें होटलों में ठहराया जाता था जिससे सरकार पर आर्थिक बोझ भी पड़ता था। उन्होंने उम्मीद जताई कि 18 वीं लोकसभा की जब शुरुआत होगी तो किसी भी सांसद को होटल में ठहरने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

मोदी ने कहा कि देश ने जम्मू कश्मीर के लोगों को भी विकास की मुख्यधारा और अनेक कानूनों से जोड़ने का काम किया है। पहली बार जम्मू कश्मीर में अब भ्रष्टाचार के खिलाफ काम हो सके, ऐसे कानून बन पाए हैं। वर्ष 2014 से दशकों से चली आ रही समस्याओं का समाधान खोजने की दिशा में काम हो रहा है।

मोदी ने बीडी मार्ग पर सांसदों के लिए बने आवासों का सोमवार को उद्घाटन करते हुए कहा, सदन की जो ऊर्जा बढ़ी है इसके पीछे एक और कारण है। इसकी भी शुरूआत एक तरह से 2014 से हुई है। तब देश एक नई दिशा की तरह बढ़ना चाहता था, बदलाव चाहता था। इसलिए तब देश की संसद में 300 से ज्यादा सांसद पहली बार चुनकर आए थे। मैं भी पहली बार आने वालों में से एक था।

मोदी ने कहा कि सामान्य तौर पर यह कहा जाता है कि युवाओं के लिए 16, 17, 18 साल की उम्र बहुत महत्वपूर्ण होती है और ठीक उसी प्रकार 16, 17, 18 की ये उम्र किसी युवा लोकतंत्र के लिए भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘2019 के चुनाव के साथ ही हमने 16वीं लोकसभा का कार्यकाल पूरा किया है। यह समय देश की प्रगति के लिए, देश के विकास के लिए बहुत ही ऐतिहासिक रहा है। 2019 के बाद से 17 वीं लोकसभा का कार्यकाल शुरू हुआ है। इस दौरान भी देश ने जैसे निर्णय लिए हैं, जो कदम उठाए हैं, उनसे यह लोक सभा अभी से ही इतिहास में दर्ज हो गई है।’’

प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि 18 वीं लोकसभा भी देश को नए दशक में आगे ले जाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘16वीं, 17वीं और 18वीं लोकसभा का कालखंड हमारे युवा देश के लिए बहुत अहम है। देश के लिए इस महत्वपूर्ण समय का हम सबको हिस्सा बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। हम सबकी जिम्मेदारी है जब इतिहास में लोकसभा के अलग-अलग कार्यकालों का अध्ययन किया जाए तो ये कार्यकाल देश की प्रगति के स्वर्णिम अध्याय के तौर पर याद किया जाएं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘देश के सामने इतना कुछ है जो हमें इस दौरान हासिल करना है।’’

उन्होंने कहा, संसद की इस प्रोडक्टिविटी में आप सभी सांसदों ने प्रोडक्ट्स और प्रासेस दोनों का ही ध्यान रखा है। हमारी लोकसभा और राज्यसभा, दोनों के ही सांसदों ने इस दिशा में एक नई ऊंचाई हासिल की है। 16वीं लोकसभा में 60 प्रतिशत ऐसे बिल रहे हैं जिन्हें पास करने के लिए औसतन 2-3 घंटे तक की डीबेट हुई है। हमने पिछली लोकसभा से ज्यादा बिल पास किए, लेकिन पहले से ज्यादा डीबेट की है। ये दिखाता है कि हमने प्रोडक्ट्स पर भी फोकस किया है और प्रोसेस को भी निखारा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सिर्फ बीते एक डेढ़ वर्ष की बात करें तो देश ने किसानों को बिचौलियों के चंगुल से आजाद कराने का काम किया है, ऐतिहासिक लेबर रिफॉर्म्स किये हैं, कामगारों के हितों को सुरक्षित किया है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में पिछले डेढ साल में सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का जिक्र किया और कहा कि इस दौरान जहां जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 से मुक्त कराया गया वहीं तीन तलाक जैसी प्रथा को समाप्त किया गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों से चली आ रही समस्याएं, टालने से नहीं, उनका समाधान खोजने से समाप्त होती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ सांसदों के निवास ही नहीं, बल्कि यहां दिल्ली में ऐसे अनेकों प्रोजेक्ट्स थे, जो कई-कई बरसों से अधूरे थे।’’ इस कड़ी में उन्होंने अंबेडकर नेशनल मेमोरियल, केंद्रीय सूचना आयोग की इमारत, वॉर मेमोरियल और पुलिस मेमोरियल का उल्लेख किया।

लोकसभा सचिवालय के मुताबिक 80 वर्ष से अधिक पुराने आठ बंगलों के स्थान पर 76 फ्लैटों का निर्माण किया गया है। कोविड-19 के संक्रमण के बावजूद इन फ्लैटों का निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा के भीतर किया गया और इनके निर्माण में स्वीकृत लागत से करीब 14 प्रतिशत बचत की गई है। इन फ्लैटों के निर्माण में कई हरित निर्माण तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। इनमें राख और मलबे से बनी इटें, ताप की रोकथाम के लिए डबल गेज्डविंडो और ऊर्जा की दृष्टि से किफायती एलईडी लाइट फिटिंग्स, बिजली की कम खपत के लिए वी आर वी प्रणाली, वर्षा जल संरक्षण प्रणाली और रूफ टॉप सोलर प्लांट शामिल हैं।

 

 

आईएएनएस/ भाषा
नयी दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment