कृषि विधेयक के विरोध में आज भारत बंद, दिल्ली पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा

Last Updated 25 Sep 2020 10:38:20 AM IST

संसद से पारित तीन कृषि विधेयकों को लेकर किसान संगठनों ने शुक्रवार को भारत बंद का एलान किया है।


उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा समेत देशभर के किसान कृषि से जुड़े इन विधेयकों के विरोध में लामबंद हो रहे हैं। सबसे ज्यादा विरोध पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हो रहा है। हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेश अध्यक्ष गुराम सिंह ने अंबाला से फोन पर बताया कि पूरा हरियाणा बंद रहेगा। किसान अपने घरों से निकल चुके हैं और जगह-जगह सड़कों पर इकट्ठा होने लगे हैं।

पंजाब में भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष अजमेर सिंह लखोवाल ने भी बताया कि किसान अपने-अपने घरों से कूच कर चुके हैं और पूरे प्रदेश में करीब 400 जगहों पर लामबंद हो रहे हैं। शुक्रवार सुबह से पंजाब और हरियाणा में किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए दोनों राज्यों में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। यहां तक कि दोनों राज्यों के अधिकांश प्रमुख शहरों के दुकानदारों ने किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए अपनी दुकानें बंद रखी हैं।

पहली बार इतने बड़े पैमाने पर एकजुटता का उदाहरण देते हुए पंजाब के 31 किसान संगठनों ने संयुक्त विरोध की घोषणा की। किसानों द्वारा बिल के खिलाफ तीन दिवसीय 'रेल रोको' अभियान शुरू करने के बाद से ही गुरुवार से कई ट्रेनों के परिचालन को निलंबित कर दिया गया है। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि फिरोजपुर रेलवे डिवीजन ने यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर 26 सितंबर तक विशेष ट्रेनों के परिचालन को निलंबित करने का फैसला किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे 'छोटे विचारों' से ऊपर उठकर राज्य के किसानों को नष्ट करने वाले 'विश्वासघाती' बिल के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने के लिए एक मंच पर आएं।

अमरिंदर सिंह ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इन विधेयकों को लाकर नए निम्नस्तर पर पहुंच गई है और वह भी बहुत ही अलोकतांत्रिक और असंसदीय तरीके से पारित किया गया है।" इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस राज्य इकाई द्वारा समर्थित उनकी सरकार न सिर्फ किसानों और राज्य के लिए, बल्कि पूरे देश के हित में पुरजोर विरोध करेगी। उन्होंने किसानों से कानून और व्यवस्था को कड़ाई से बनाए रखने और सभी कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की है।

उत्तर प्रदेश में भी किसानों का सड़कों पर उतरना शुरू हो गया है। भारतीय किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र यादव ने बताया कि उनके संगठन से जुड़े किसान नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, बागपत समेत कई जगहों पर सड़क जाम करेंगे।

भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने को बताया कि 11 बजे से पूरे देश में चक्का जाम है। हालांकि उन्होंने बताया कि यह बंद सिर्फ सड़कों पर रहेगा रेल रोको का कोई आयोजन नहीं है। टिकैत ने कहा, शहरों में प्रवेश करना या शहरों की दुकानों को बंद करने का प्रयास करना हमारे बंद के आयोजन में शामिल नहीं है। हम सिर्फ मुख्य मार्गों और गावों की सड़कों को जाम करके विधेयक पर अपना सांकेतिक विरोध जताएंगे।

उन्होंने कहा कि विचारधारा व दलों की राजनीति के दायरे से बाहर आकर किसानों के हितों के लिए काम करने वाले तमाम संगठनों से इस बंद का समर्थन करने की अपील की गई है और ज्यादातर संगठन इस बंद में शामिल हैं।

कृषि से जुड़े तीन अहम विधेयकों, कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक-2020 को भी संसद की मंजूरी मिल चुकी है। ये तीनों विधेयक कोरोना काल में पांच जून को घोषित तीन अध्यादेशों की जगह लेंगे।

लखोवाल ने कहा कि केंद्र सरकार अगर किसानों के हितों में सोचती तो विधेयक में सभी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का प्रावधान किया जाता कि किसानों के किसी भी उत्पाद (जिनके लिए एमएमपी की घोषणा की जाती है) की खरीद एमएसपी से कम भाव पर न हो। उन्होंने कहा कि विधेयक में कॉरपोरेट फॉमिर्ंग के जो प्रावधान किए गए हैं उससे खेती में कॉरपोरेट का दखल बढ़ेगा और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को फायदा मिलेगा।

किसान संगठन विधेयक वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को दो दर्जन से अधिक किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के मद्देनजर सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी है।

उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सीमा से लगे क्षेत्रों में बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं और दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाहनों की जांच की जा रही है। दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों को एहतियात के तौर पर सिंघू सीमा और करनाल रोड (हरियाणा) पर तैनात किया गया है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "हमारी टीम सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्क व सक्रिय हैं और कर्मचारियों को किसानों के विरोध के मद्देनजर रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया गया है।"

किसानों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए गाजीपुर, न्यू अशोक नगर, सीमापुरी, पूर्वी दिल्ली में आनंद विहार और दक्षिण पूर्वी दिल्ली में कालिंदी कुंज में भी तैनाती की गई है।

वहीं सीमावर्ती क्षेत्रों के अलावा दिल्ली में संभावित स्नैप विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर भी दिल्ली पुलिस सतर्क है। दिल्ली पुलिस ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के आदेश का हवाला देते हुए पहले कहा था कि 30 सितंबर तक राष्ट्रीय राजधानी में कोई प्रदर्शन नहीं होने दिया जाएगा।

करीब 18 राजनीतिक दलों के विरोध के बीच संसद द्वारा पारित फार्म बिल के विरोध में दो दर्जन से अधिक किसान संगठनों ने शुक्रवार को 'भारत बंद' के समर्थन की घोषणा की है। पंजाब और हरियाणा के 31 किसान संगठन पहले से ही विरोध कर रहे हैं।

इस सप्ताह की शुरुआत में संसद सत्र के दौरान सरकार द्वारा पारित किए गए तीन फार्म बिलों के विरोध में देशभर में अखिल भारतीय किसान संघ (एआईएफयू), भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू), अखिल भारतीय किसान महासंघ (एआईकेएम) और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) और अन्य राजनीतिक रूप से समर्थित संगठनों ने किसानों से रैली निकालने व विभिन्न हिस्सों में धरना देने का आग्रह किया है।

भारतीय किसान यूनियन समेत अन्य किसान संगठन बिल के खिलाफ चक्का जाम कर रहे हैं। इधर, भारतीय किसान यूनियन (अंबावता) का कहना है कि वो 2 अक्टूबर को दिल्ली में लाल बहादुर शास्त्री की समाधि की ओर कूच करेंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे। भारत बंद ऐलान के बाद जगह जगह सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर भी दिल्ली पुलिस और सीआईएसएफ के जवान तैनात कर दिए गए हैं।

भारतीय किसान यूनियन (अंबावता) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ऋषिपाल ने आईएएनएस को बताया, हमारे क्षेत्रों में लगभग सब कुछ बंद है। मथुरा और आगरा की ओर भी किसान भी सड़कों पर आ गए हैं। जब तक कानून वापस नहीं होगा तब तक हम आंदोलन करते रहेंगे। 2 अक्टूबर को दिल्ली में लाल बहादुर शास्त्री जी की समाधि पर पूरे देश का किसान पहुंच रहा है।

यूपी-बिहार से लेकर पंजाब-हरियाणा और अन्य राज्यों में शुक्रवार को सड़क पर किसान उतर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत कह चुके हैं कि, चक्का जाम में पंजाब, हरियाणा, यूपी, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक समेत पूरे देश के किसान संगठन एकजुट होंगे। पंजाब में कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों का तीन दिवसीय रेल रोको आंदोलन भी जारी है।


 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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