निलंबन वापस लेने पर अड़ा विपक्ष, राज्यसभा के पूरे सत्र का किया बहिष्कार

Last Updated 23 Sep 2020 03:38:05 AM IST

कांग्रेस के नेतृत्व में कई विपक्षी दलों ने किसानों के मुद्दे और आठ विपक्षी सदस्यों का निलंबन रद्द किए जाने की मांग को लेकर मंगलवार को मानसून सत्र की शेष अवधि में राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करने का फैसला किया।


निलंबन वापस लेने पर अड़ा विपक्ष, राज्यसभा के पूरे सत्र का किया बहिष्कार

इसके बाद निलंबित सांसदों ने संसद भवन परिसर में अपना धरना खत्म कर दिया।
दूसरी तरफ, किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने लोकसभा की कार्यवाही के बहिष्कार का भी फैसला किया। गौरतलब है कि विपक्षी दलों ने रविवार को राज्यसभा में हुए हंगामे के चलते सोमवार को आठ विपक्षी सदस्यों को निलंबित किए जाने को लेकर सरकार पर निशाना साधा था तथा इस कदम के विरोध में वे संसद भवन परिसर में ‘अनिश्चितकालीन’ धरने पर बैठ गए थे। निलंबित किए गए आठ सांसदों में कांग्रेस, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य शामिल हैं। उच्च सदन में कृषि संबंधी विधेयकों को पारित किए जाने के दौरान ‘अमर्यादित व्यवहार’ के कारण इन सदस्यों को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किया गया है।

राज्यसभा में कांग्रेस ने सबसे पहले सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया। उसके बाद माकपा, भाकपा, तृणमूल कांग्रेस, राकांपा, सपा, शिवसेना, राजद, द्रमुक, आप आदि दलों के सदस्य भी सदन से बाहर चले गए। ऊपरी सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आज़ाद ने आठ निलंबित सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार से तीन मांगें हैं। उन्होंने कहा कि सरकार दूसरा विधेयक लेकर आए और यह सुनिश्चित करे कि निजी कंपनियां किसानों की फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम कीमतों पर नहीं खरीदें।
आजाद ने मांग की कि एमएसपी को स्वामीनाथन आयोग के सी 2 फामरूले के हिसाब से निर्धारित किया जाना चाहिए और निजी कंपनियों के साथ-साथ भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के लिए भी अनिवार्य हो कि वह एमएसपी से कम कीमत पर किसानों की उपज की खरीद नहीं करे। उन्होंने कहा, जब तक सरकार ये तीन चीजें नहीं करती, हम सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने कहा कि समय की कमी ही समस्या की जड़ है। उन्होंने सुझाव दिया कि सदस्यों को अधिक समय तक बोलने की अनुमति मिलनी चाहिए। खासकर छोटे दलों को दो तीन मिनट का समय मिलता है, जिसमें बात पूरी नहीं हो पाती। उन्होंने कहा कि इसे समय के बंधन में नहीं बांधें।

दुर्व्यवहार के लिए माफी मांगें निलंबित सांसद
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि राज्यसभा के निलंबित सदस्यों द्वारा अपने आचरण के लिए माफी मांगे जाने के बाद ही उनका निलंबन रद्द करने पर विचार किया जाएगा।
प्रसाद की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब राज्यसभा में मंगलवार को ़विपक्षी दलों ने आठ सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए उच्च सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया।

ये हैं विपक्ष की 4 मांगें
विपक्ष ने चार मांगें पूरी किए जाने की मांग रखकर राज्यसभा के शेष सत्र का बहिष्कार किया है। ये मांगे हैं कि सरकार ऐसा कृषि विधेयक लाए, जिससे कोई निजी खरीदार एमएसपी से नीचे किसानों की उपज नहीं खरीद सके। दूसरी मांग है कि एमएसपी स्वामीनाथन के सी2 फार्मूले के आधार पर तय की जाए। तीसरी मांग है राज्य सरकार और एफसीआई जैसी सरकारी एजेंसियां किसानों की उपज एमएसपी से नीचे नहीं खरीदें। चौथी मांग है कि निलंबित 8 सांसदों को सदन में वापस लिया जाए।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलामनवी आजाद ने सदन में यह मांग बताई और इसके बाद अधिकांश विपक्षी दल सदन से चले गए। सपा के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि वह निलंबित सांसदों के कृत्य के लिए माफी मांगते हैं। बाद में उन्होंने यह भी कहा कि उनकी बात को नहीं माना गया, इसलिए वह सदन से जा रहे हैं। एनसीपी के सांसद प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि उनकी पार्टी कभी आसन के पास नहीं आती। उन्होंने भी निलंबन वापस लेने का आग्रह करते हुए सदन छोड़ दिया।

आज शाम 6:00 बजे शुरू होगी लोस की कार्यवाही : लोकसभा की कार्यवाही बुधवार को 3:00 बजे के बजाय शाम 6:00 बजे से शुरू होगी। कल ही शीतकालीन सत्र को अनिश्चितकाल के स्थगित किया जा सकता है। लोकसभा ने महत्वपूर्ण विधायकों को पारित कर दिया है।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment