मंदिर निर्माण के लिए पत्थर मिलने में अब नहीं होगी बाधा

Last Updated 20 Sep 2020 04:54:26 AM IST

अयोध्या में राममंदिर के निर्माण में गुलाबी बालू पत्थरों की कमी विवाद बनने से पहले राजस्थान सरकार ने सूझबूझ दिखाते हुए केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को भरतपुर स्थित बांधे बैठा वन्यजीव अभयारण्य के बंशी पहाड़पुर क्षेत्र को आरक्षित वन से हटाकर डीनोटिफाई करने का प्रस्ताव भेजने का फैसला किया है।


मंदिर निर्माण के लिए पत्थर मिलने में अब नहीं होगी बाधा

भरतपुर के कुछ खनन मालिक बांधे बैठा वन्यजीव अभयारण्य से अवैध खनन कर पत्थर निकालकर उन्हें अयोध्या भेज रहे थे। इसी महीने भरतपुर प्रशासन ने पत्थरों से भरे ट्रकों को पकड़ा था। विश्व हिंदू परिषद ने भरतपुर जिला प्रशासन द्वारा की गई आपूर्ति के कारण आपूर्ति ठप होने की शिकायत की थी।

विवाद से बचने के लिए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। वह जल्दी ही पर्यावरण मंत्रालय को वन भूमि के खनन को वैध बनाने के लिए एक प्रस्ताव भेजेगी। राज्य के खान विभाग के अनुसार, दिसम्बर 1996 तक, बंशी पहाड़पुर वन क्षेत्र में गुलाबी, लाल और पीले बलुआ पत्थर की लगभग 42 कानूनी खदानें संचालित थीं। सर्वोच्च न्यायालय ने 12 दिसम्बर, 1996 को अपने आदेश से वन क्षेत्रों में वन अधिनियम, 1980 की धारा 2 के तहत वन क्षेत्रों में गैर-वन गतिविधियों पर रोक लगा दी।

सहारा न्यूज ब्यूरो/रोशन
नई दिल्ली


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