राज्यसभा में कोविड-19 महामारी से लड़ने व दोषारोपण से बचने की उठी मांग

Last Updated 17 Sep 2020 11:59:22 AM IST

राज्यसभा में बृहस्पतिवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने कोविड-19 महामारी से सामूहिक रूप से निपटने और परस्पर दोषारोपण से बचने पर जोर दिया।


वहीं आप ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित कई राज्यों में इस महामारी के दौरान घोटाले हुए। विपक्षी सदस्यों ने केंद्र से मांग की कि राज्यों को उनके जीएसटी बकाए का भुगतान किया जाए ताकि वे संकट की इस घड़ी का और बेहतर तरीके से मुकाबला कर सकें।

कोविड-19 के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री हषर्वर्धन द्वारा सदन में दिए गए एक बयान पर हो रही चर्चा में भाग लेते हुए आप के संजयं सिंह ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में इस‘‘आपदा को अवसर’’बनाते हुए घोटाले किए गए हैं। उन्होंने दावा किया कि आक्सीमीटर और थर्मामीटर खरीदने तक में घोटाले हुए।

सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोप में ही भाजपा के एक प्रदेश अध्यक्ष को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष ने आरोप लगाया है कि विपक्ष ने कई मौके पर साथ नहीं दिया। उन्होंने ताली और थाली बजाने तथा दीप जलाने जैसे कार्यक्रमों का उपहास करते हुए इन्हें ‘‘मूर्खतापूर्ण’’ कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस कोरोना संकट के दौरान दिल्ली सरकार ने अनुकरणीय काम किया और दुनिया भर में दिल्ली मॉडल की चर्चा हो रही है।

शिवसेना सदस्य संजय राउत ने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि ऐसी महामारी आएगी। उन्होंने कहा कि जिसके परिवार का कोई सदस्य इस बीमारी से पीड़ित हुआ है, उसका दुख समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि उनकी मां और छोटा भाई भी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और आईसीयू में हैं।

उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को जनता के बीच जाने की जरूरत होती ही है। राउत ने कहा कि यह राजनीतिक लड़ाई नहीं बल्कि जिंदगी बचाने की लड़ाई है। इसमें हमें परस्पर दोषारोपण से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संकट के दौरान भी महाराष्ट्र सरकार की निंदा व खिंचाई की गयी।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान की इसी बीमारी के कारण मौत हो गयी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ही एक नेता ने दावा किया था कि वहां अव्यवस्था के कारण चेतन चौहान की मौत हो गयी।

राउत ने कहा कि धारावी जैसे बड़े क्षेत्र में हमने काफी हद तक संक्रमण पर काबू पा लिया है। इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी नगर निकाय बीएमसी की पीठ थपथपायी है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की आलोचना करने वाले लोगों को समझना चाहिए कि बड़ी संख्या में वहां लोग ठीक भी हुए हैं।

 

भाषा
नई दिल्ली


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