राहत इंदौरी के निधन पर मुनव्वर राना ने कहा, 'हमारे दोस्त को कमबख्त कोरोना खा गया'

Last Updated 11 Aug 2020 08:39:53 PM IST

जाने माने शायर राहत इंदौरी का मंगलवार को 70 वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। राहत इंदौरी के चले जाने से अन्य कई शायरों में शोक की लहर दौड़ गई है।


शायर मुनव्वर राना ने कहा, "हमारे दोस्त को कमबख्त कोरोना खा गया, वरना छोटा-मोटा हार्ट अटैक तो राहत ऐसे ही झेल जाते।" राना ने कहा, "मेरे राहत जी के साथ करीबन 50 साल का साथ था। हम लोगों ने बहुत सारे मंच साझा किए, हिंदुस्तान हो या हिंदुस्तान के बाहर, वहां बहुत सारे प्रोग्राम ऐसे होते थे जिसमें बस हम दोनों ही रहते थे और हमारे प्रोग्रामों का नाम ही होता था 'मुनव्वर-राहत' या 'राहत-मुनव्वर'।"

उन्होंने कहा, "इंदौरी साहब बहुत मजे के आदमी थे। हमारे उनसे बड़े गहरे तालुक्कात थे। हमारी आखिरी मुलाकात फरवरी के महीने में रेख्ता के प्रोग्राम में हुई थी।"

शायर मंगल नसीम ने बताया, "राहत इंदौरी एक शख्स का नाम नहीं, वो एक युग का नाम थे। उर्दू शायरी को उन्होंने नए-नए मुकाम दिए, शायरी में क्रांति लाने का नाम राहत इंदौरी है। उन्होंने बहुत आसान अल्फाज में लोगों के सामने अपनी बहतरीन शायरी रखी।"

उन्होंने कहा, "इंदौरी साहब जब भी मिलते थे, बड़ी खूबसूरती से मिलते थे और जिस मंच पर होते थे, तो वही होते थे, वही दिखते थे।"

नसीम ने कहा, "मैं आज कहना चाहता हूं, आज बहुत बुरा दिन है। कभी-कभी ही ऐसे लोग आते हैं। जैसे-जैसे वक्त गुजरेगा, वैसे-वैसे ही उनकी कमी महसूस होगी, उस आदमी का कोई बदल नहीं हो सकता था।"

राष्ट्रीय कवि संगम दिल्ली के अध्यक्ष और कवि रसिक गुप्ता ने बताया, "मुझे उनके साथ कई मंच साझा करने का अवसर मिला, वह एक बड़े विनम्र व्यक्ति थे। उनकी शायरी जितनी सुनी जाए, उतनी कम है। राहत इंदौरी समूची महफिल अपने नाम कर लेते थे। लोग उन्हें सुनकर तृप्त नहीं होते थे।"
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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