गर्मी के कारण कोरोना के उपचार में रेल कोच का इस्तेमाल फिलहाल मुश्किल
तेज गर्मी और बढ़ते तापमान के कारण फिलहाल रेलवे कोच में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर्स का इस्तेमाल कोरोना रोगियों के उपचार के लिए कर पाना मुश्किल दिख रहा है।
![]() (फाइल फोटो) |
दिल्ली सरकार का मानना है कि रेलवे के कोच में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में पीपीई किट पहन कर काम करना स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बेहद मुश्किल होगा। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, बढ़ते तापमान और गर्मी में भारी पीपीई किट पहन कर हमारे मेडिकल स्टाफ को काम करने के दौरान समस्या उत्पन्न हो सकती है। हम इसके बुनियादी ढांचे को बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं और इसके समाधान की पूरी कोशिश कर रहे हैं, ताकि हम कर्मचारियों को तैनात करना शुरू कर सकें और इन आइसोलेशन सेंटरों में मरीजों को भर्ती कर सकें।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को दिल्ली के शकूर बस्ती रेलवे स्टेशन पर स्थित 50 कोचों का निरीक्षण किया, जिन्हें आइसोलेशन सेंटर में बदल दिया गया है। दिल्ली सरकार ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई तेज करते हुए रेलवे के डिब्बों, बैंक्वेट हॉल और होटलों को कोविड देखभाल केंद्रों में तब्दील कर अपने स्वास्थ्य ढांचे को बढ़ाने का काम शुरू किया है।
रेल कोच का निरीक्षण करने के बाद सिसोदिया ने कहा, कुछ दिन पहले, दिल्ली में माननीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक हुई थी। बैठक में उन्होंने वादा किया था कि केंद्र सरकार दिल्ली सरकार को विशेष चिकित्सा कोच उपलब्ध कराएगी। हमें अब तक 800 बेड के साथ 50 कोच उपलब्ध कराए गए हैं। मैंने इन कोचों में उपलब्ध व्यवस्था की जांच की, ताकि हम मरीजों को यहां भेजना शुरू कर सकें। लेकिन बढ़ते तापमान और गर्मी में भारी पीपीई किट पहन कर हमारे मेडिकल स्टाफ को काम करने के दौरान समस्या उत्पन्न हो सकती है।
दिल्ली सरकार अभी यह जांचने की कोशिश कर रही है कि क्या कोच को आइसोलेशन सेंटर में तब्दील करने पर वे मेडिकल स्टाफ के लिए मानकों के अनुसार सामान्य काम कर रहे हैं।
दिल्ली में बेड की कमी के मद्देनजर केंद्र सरकार की तरफ से अभी 50 कोच (500 रेलवे कोचों में से) प्रदान किए गए हैं। जैसा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अगुवाई में संपन्न हुई बैठक में तय किया गया था।
सिसोदिया ने कहा, दिल्ली और केंद्र सरकार इस कोरोनावायरस संकट से लड़ने के लिए एक साथ काम कर रहे हैं और उपचार के लिए आने वाले मरीजों को बिस्तर प्रदान करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
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