भारत-चीन में हिंसक झड़प, 20 जवान शहीद, चीनी सेना के भी 43 सैनिकों के हताहत होने की खबर, पूरी एलएसी पर सेना का अलर्ट

Last Updated 17 Jun 2020 12:37:19 AM IST

सोमवार देर रात पूर्वी लद्दाख की गलवान वैली में भारत और चीन की सेना के बीच हुए खूनी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। इनमें एक कर्नल शामिल है। चीन के 43 सैनिकों के हताहत होने की खबर है।


भारत-चीन के सैनिकों के बीच झड़प का फाइल फोटो।

भारतीय सेना सूत्रों के अनुसार सोमवार रात गश्त करने गए भारतीय सैनिकों की चीनी सैनिकों से झड़प हो गई थी। इस झड़प में 17 भारतीय सैनिक घायल हो गए थे। एलएसी पर तापमान कम होने के कारण बाद में वे शहीद हो गए। भारत की तरफ से गए दूसरे गश्ती दल और चीनी सैनिकों के बीच अन्य झड़प में कुछ और सैनिकों के हताहत होने की जानकारी मिली। सेना के अनुसार कुल 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए हैं जबकि चीनी सूचना को इंटरसेप्ट करने से सेना को मिली जानकारी के अनुसार उनके करीब 43 सैनिक या तो मरे हैं या घायल हुए हैं।

इस खूनी झड़प के बाद मंगलवार सुबह से ही बैठकों का दौर जारी रहा। सुबह रक्षा मंत्री ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों की बैठक ली और फिर प्रधानमंत्री को हालात से अवगत कराया। उसके बाद रक्षा मंत्री ने अपने घर पर सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुखों व विदेश मंत्री के साथ बैठक की। फिर रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री प्रधानमंत्री से मिलने गए।

शहीद कर्नल संतोष बाबू, सिपाही ओझा और हवलदार पलानीदेर रात प्रधानमंत्री ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक बुलाई जिसमें रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री, विदेश मंत्री और गृह मंत्री उपस्थित हुए। इस बैठक में सीमा पर उपजे हालात की समीक्षा की गई और पूरी एलएसी पर भारतीय सेना को अलर्ट कर दिया गया है, चाहे वह हिमाचल हो, उत्तराखंड हो, सिक्किम हो या फिर अरुणाचल प्रदेश।
देर रात प्रधानमंत्री ने गृह मंत्री और विदेश मंत्री की अलग से बैठक बुलाई। इसमें सेना प्रमुख भी उपस्थित थे। दिनभर की चर्चा के बाद देर रात भारतीय सेना ने एक बयान जारी कर पुष्टि की कि भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं। हालांकि चीन के कितने सैनिक मारे गए, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। सेना ने विश्वास दिलाया है कि भारतीय सेना देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने में सक्षम है और भारतीय सीमा पर आंच नहीं आने देगी।

5 और 6 मई से चीनी सेना ने भारतीय सीमा में कर रखी है घुसपैठ

मालूम हो कि 5 और 6 मई को चीन की सेना ने एलएसी पर भारतीय सीमा में घुसपैठ की और तब से वह पेंगोंग लेक और गलवान घाटी में जमे हुए हैं। उनको भारतीय सीमा रेखा से पीछे हटाने के लिए अनेक स्तर पर बातचीत चल रही है। कई दौर की बातचीत के बाद सोमवार को कुछ सहमति बनी थी लेकिन चीन ने उस सहमति को नहीं माना और उल्टे गश्त पर गए भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया। जवाबी कार्रवाई में भारत ने भी चीनी सैनिकों को बड़ी संख्या में हताहत किया है। चीन को कितना नुकसान हुआ, इसकी सरकारी पुष्टि नहीं हुई है, क्योंकि सुबह चीन की तरफ से कहा गया था कि पीएलए के 5 सैनिक मारे गए हैं, लेकिन शाम को उसने अपना बयान वापस ले लिया और कहा कि हम संख्या के बारे में नहीं बताएंगे। सूत्रों का कहना है कि चीन के हेलीकॉप्टरों को देखा गया है, जो गलवान घाटी से हताहत सैनिकों को ले गए।

छुट्टी पर गए सैनिकों  को लौटने का आदेश
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय के सेना मामलों के विभाग ने सकरुलर जारी कर सभी सैनिकों और अधिकारियों को लौटने को कहा है जो लॉकडाउन के कारण या अन्य वजह से छुट्टी पर थे। उनसे कहा गया है कि किसी भी निजी कंपनी के जहाज से वापस आकर अपनी यूनिटों को रिपोर्ट करें। वहीं, उनके टिकट का रुपए सेना वापस करेगी। अभी तक नियम है कि केवल इंडियन एयरलाइंस से ही सफर करने पर सैनिकों और अधिकारियों को रिफंड किया जाता था, लेकिन असामान्य परिस्थितियों को देखते हुए छुट्टी पर गए सहकर्मी निजी एयरलाइन से अपनी यूनिटों को रिपोर्ट कर सकते हैं।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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