VHP के ही मॉडल पर बनेगा अयोध्या में राम मंदिर, बदलाव की मांग को ट्रस्ट के सदस्य ने किया खारिज
अयोध्या में भव्य राम मंदिर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा पेश किए गए मॉडल के अनुरूप ही निर्मित होगा।
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जगदगुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि मंदिर के विहिप मॉडल को पूरे देश ने मंजूरी दे दी थी और लोगों ने इसके निर्माण के लिए पैसे भी दिए थे।
उन्होंने कहा, "मंदिर उसी मॉडल के अनुरूप बनाया जाएगा। जो लोग मांग कर रहे हैं कि मंदिर को संगमरमर से बनाया जाना चाहिए, उन्हें यह भी बताना चाहिए कि इतनी बड़ी मात्रा में मकराना संगमरमर कहां मिलेगा। इसके अलावा मंदिर के लिए पत्थरों को पहले ही तराशा जा चुका है और हम इस स्तर पर अपनी योजना को नहीं बदल सकते हैं।"
मंदिर निर्माण की देखरेख करने वाले श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के जन्मदिन समारोह के लिए अयोध्या पहुंचे विभिन्न संतों ने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में सबसे पहले मंदिर की पहली मंजिल के निर्माण को पूरा करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, "हमें योगी सरकार के कार्यकाल में निर्माण के पहले चरण को पूरा करने की आवश्यकता है, क्योंकि हम इस बात को मानते हैं कि अन्य राजनीतिक दल निर्माण कार्य में रुकावटें पैदा करने की कोशिश कर सकते हैं। खासकर कांग्रेस मंदिर निर्माण को रोकने की कोशिश कर सकती है। इसके कुछ नेताओं ने पहले ही कह दिया है कि चल रहे कोरोना संकट के कारण मंदिर निर्माण को रोक दिया जाना चाहिए।"
राममंदिर निर्माण शुरू हो चुका है : भैय्याजी जोशी
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस) के सर कार्यवाह भैय्याजी जोशी ने गुरुवार को कहा कि राम मंदिर का निर्माण प्रारम्भ हो चुका है और यह निर्माण सभी की कल्पनाओं के ही अनुरुप होगा। संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास से मणिराम दास छावनी जाकर मुलाकात की और उन्हें जन्मदिवस की बधाई दी।
इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए भैयाजी जोशी ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। भैयाजी ने कहा कि राम मंदिर दिव्य, भव्य एवं मजबूत बनेगा। ये लाखों भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र भी रहेगा।
उन्होंने कहा, "अयोध्या दर्शन योग्य है और हमेशा दर्शन योग्य रहेगी।"
भूमि पूजन के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह निर्णय ट्रस्ट के सदस्य करेंगे। यह सब तकनीकी विषय है। इस पर ट्रस्ट के लोग ही जानकारी देंगे।
सर कार्यवाह जोशी ने रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास के दीघार्यु होने की कामना की। इसके साथ ही कहा कि महापुरुषों का जीवन ही अपने आप में समाज के लिए संदेश है। उन्होंने रामजन्मभूमि के साथ अयोध्या के संदर्भ में कहा कि शासन-प्रशासन की ओर से भव्यता-दिव्यता देने पर कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि यहां रामलला के दर्शन की इच्छा से आया था। उनका दर्शन पाकर अत्यंत प्रसन्नता हुई।
इससे पहले मणिराम छावनी पहुंचे सर कार्यवाह श्री जोशी ने रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अध्यक्ष महंत श्री दास से मुलाकात की और उनका माल्यार्पण कर उपहार स्वरुप अपनी भेंट समर्पित की और उनका आशीर्वाद भी लिया। उन्होंने छावनी में ही मौजूद ज्योतिष पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य व अन्य संतों से भी भेंट कर सबका आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान मणिराम छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास व आनंद शास्त्री ने उनका स्वागत किया। मणिराम छावनी में लगभग 40 मिनट व्यतीत कर सर कार्यवाह श्री जोशी कारसेवकपुरम चले गये।
यहां उन्होंने विहिप के केन्द्रीय पदाधिकारियों पुरुषोत्तम नारायण सिंह, राजेन्द्र सिंह पंकज, अशोक तिवारी, व सुरेन्द्र सिंह सहित संगठन के अन्य पदाधिकारियों से उनका कुशलक्षेम पूछा और आत्मीयतापूर्ण वार्ता के बाद सबसे विदाई ली। उनके साथ रामजन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी डा. अनिल मिश्र, संघ के क्षेत्र प्रचारक अनिल, प्रांत प्रचारक कौशल, प्रांत सह प्रचारक मनोज व विभाग प्रचारक संजय भी मौजूद रहे।
बीते सप्ताह पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के उस ट्वीट पर संतों ने पहले ही चिंता जताई थी, जिसमें कहा गया था, "जब दुनिया हैशटैगकोविड19 से जूझ रही है, तब आरएसएस-भाजपा गठबंधन 'हिंदुत्व' एजेंडे को आगे बढ़ाने में व्यस्त हैं। बाबरी मस्जिद स्थल पर एक मंदिर के निर्माण की शुरुआत इस दिशा में एक और कदम है और पाकिस्तान की सरकार और लोग इसकी कड़ी निंदा करते हैं।"
इस ट्वीट के बाद अयोध्या में संतों ने कहा था कि पाकिस्तान अपनी सीमा पार न करे वरना इस्लामाबाद में भी राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा।
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