ड्रैगन से समझौता नहीं, अब सबक सिखाने की तैयारी
अपनी बंदर घुड़की से भारत को दबाव में लेने की ‘ड्रैगन’ की साजिश इस बार काम नहीं आएगी। लद्दाख में एलएसी के पास अपने क्षेत्र में भारत किसी भी गतिविधि को नहीं रोकेगा। यह बात चीन को साफ-साफ बता दी गई है।
ड्रैगन से समझौता नहीं, अब सबक सिखाने की तैयारी |
हालांकि भारत अपनी तरफ से एलएसी पर शांति बनाए रखने की हरसंभव प्रयास कर रहा है लेकिन कूटनयिक चैनलों के माध्यम से यह संदेश भी दिया जा रहा है कि यदि चीन ने अपनी बेजा हरकतें जारी रखी तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार चीन सरकार को संदेश दे दिया गया है कि भारत अपने क्षेत्र में सीमा पर जारी निर्माण कार्य को नहीं रोकेगा। सीमा पर तनाव के बीच भारत ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि वह अपनी संप्रभुता व सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस मामले में चीन की आपत्तियों को भारत ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। सीमा पर जो भी गतिविधियां हो रही हैं भारत के अपने क्षेत्र में है।
इतना ही नहीं कूटनयिक हवाले से तनाव के लिए चीन को ही जिम्मेदार ठहराया गया है। सीमा पर चीन की भड़काऊ गतिविधियों के मद्देनजर अमेरिका ने भारत को पूरी तरीके से आस्त किया है। अमेरिका की तरफ से जो संदेश आया है उसमें साफ कहा गया है कि समझौते की बजाय सबक सिखाने का समय आ गया है। अमेरिका भारत के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है।
सूत्रों के अनुसार चीन की आपत्ति सामरिक महत्व की डीएसडीवीओ सड़क को लेकर है। 255 किलोमीटर लंबी यह सड़क लद्दाख के दुर्बुक से श्योक होते हुए दौलत बेग ओल्डी तक जाती है। यह सड़क गैलवान घाटी के करीब से गुजरती है। इस सड़क के बनने से दौलत बेग ओल्डी और काराकोरम दर्रा लद्दाख के मुख्यालय से सीधे जुड़ गया है। लेह में भारत की सेना की 14वीं कोर का मुख्यालय भी है। सड़क बनने के बाद इस क्षेत्र में बंकर, बैरक तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं का काम प्रगति पर है।
चीन की भड़काऊ कार्रवाई के पीछे फिंगर एरिया में भारत द्वारा बनाई जा रही सड़कें भी हैं। फिंगर एरिया पैंगोगतसलेक के बेहद नजदीक है। चीन सामरिक दृष्टि से भारत के निर्माण कार्यों को अपने लिए खतरा मानता है। चीन जहां भारत की गतिविधियों को लेकर आंखें तरेर रहा है वही अपने क्षेत्र में लगातार गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। उसने वहां फोर लेन हाईवे का भी निर्माण कर लिया है इसके अलावा बड़े पैमाने पर सामरिक दृष्टि से अन्य निर्माण कार्य तेजी से किए जा रहे हैं।
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